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अवैध रेत खनन धड़ल्ले से जारी, खनिज विभाग को अवैध खनन की नहीं जानकारी

बालोद जिले में खनिज विभाग ने इस कदर लापरवाही की कि नदियों में अवैध रेत खनन चलता रहा और विभाग अनजान रहा, जिसका फायदा खनिज माफिया उठाते रहे। शासन-प्रशासन के आदेश सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रह गए और जिले की नदियों का सीना छलनी होता गया।

बालोदJun 15, 2025 / 12:03 am

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद जिले में खनिज विभाग ने इस कदर लापरवाही की कि नदियों में अवैध रेत खनन चलता रहा और विभाग अनजान रहा, जिसका फायदा खनिज माफिया उठाते रहे। शासन-प्रशासन के आदेश सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रह गए और जिले की नदियों का सीना छलनी होता गया।
sand mining : बालोद जिले में खनिज विभाग ने इस कदर लापरवाही की कि नदियों में अवैध रेत खनन चलता रहा और विभाग अनजान रहा, जिसका फायदा खनिज माफिया उठाते रहे। शासन-प्रशासन के आदेश सिर्फ कागजो में ही सिमट कर रह गए और जिले की नदियों का सीना छलनी होता गया। सिर्फ खबरें प्रकाशन होने के बाद ही खनिज विभाग ने खदान जाकर जेसीबी, हाइवा जब्त करने की कार्रवाई की। कुछ दिन अवैध खनन बंद होने के बाद पुन: शुरू हो जाता है। विभागीय ढिलाई के कारण खनिज माफिया के हौंसले भी काफी बुलंद हो गए हैं। जिले के रेत खदानों व रेत भंडरण वाली जगहों पर रेत मफिया द्वारा मारपीट की घटना भी सामने आई है।

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रेत खनन की अनुमति नहीं

इस साल सबसे ज्यादा मामले सामने आए। कहा जाए कि जिले के एक भी रेत खदानों को जब रेत खनन करने की अनुमति ही नहीं दी गई तो आखिर भैंसमुड़ी, मर्रामखेड़ा में तांदुला नदी में कैसे रेत खनन की अनुमति मिल गई। हालांकि खनिज विभाग द्वारा यह जरूर कहा जा रहा है कि किसी को रेत खनन की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में फिर कैसे अवैध खनन किया जा रहा है।
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रेत माफिया की गुंडागर्दी, चाकू, रॉड, लाठी, डंडे से मारपीट

जिले के भैंसमुंडी रेत खदान जिले में सबसे ज्यादा चर्चा में है। यहां रेत माफिया का कब्जा है। सबसे ज्यादा अवैध रेत खनन इसी खदान से किया जा रहा है। हालांकि पुलीसिया कार्रवाई के बाद रेत खनन बंद किया गया।

सिर पर वार किया, कर दिया लहूलुहान

प्रार्थी गोपेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि हाल ही में 5 जून की रात्रि करीब 9 बजे अपने हाइवा क्रमांक सीजी 07-सीएस -0102 लेकर रेत लोड करने ग्राम पटेली से तासी रेत खदान (महानदी) निकला और ग्राम भैंसमुंडी महानदी पहुंचकर रात्रि करीबन 11.30 बजे गाड़ी खड़ा किया। तभी वहां पर टोनी सरदार व शिवम सिंग सफेद रंग की कार से आए और गोपेन्द्र कुमार साहू वहां से गाड़ी बाहर निकालने का प्रयास करने लगा। इतने में टोनी सरदार और शिवम सिंग प्रार्थी के पास आकर उसे गाली देते हुए बोले कि गाड़ी का दरवाजा खोल। उसने डरकर दरवाजा खोला। टोनी सरदार ने ऊपर चढ़कर चाकू से प्रार्थी के सिर पर वार किया। प्रार्थी ने सिर को हटाया फिर दोबारा उसे चाकू मारा, जिसे उसने हाथ से रोका और हाथ में चोट लगी। फिर टोनी सरदार प्रार्थी के सिर पर वार किया, जिसे दाहिने हाथ से रोकने का प्रयास किया, जो हाथ में लगते हुए सिर में जा लगी। आरोपी टोनी सरदार ने संजय कुमार उराव के उपर भी चाकू से हमला किया, जिससे चोट आई। प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की। सायबर टीम बालोद व थाना पुरूर पुलिस ने 6 जून को दोनों मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड के लिए भेजा।
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13 मई को मरकाटोला में हुई थी मारपीट

13 मई को मरकाटोला में कृष्णा गंजीर के साथ मारपीट की गई थी। यहां जांच में आए पटवारी भी जान बचाकर भागे थे। हालांकि रेत माफिया ओमू साहू व रवि साहू को पुलिस ने गिरफ्तार कर दोनों आरोपी के खिलाफ धारा 296, 351 (2), 191(2), 191(3), 190, 109 के तहत गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा। पुलिस के मुताबिक 13 मई को प्रार्थी कृष्णा गंजीर अवैध रेत भंडारण की सूचना कवरेज करने मरकाटोला गया था। घटना स्थल ग्राम मरकाटोला देवकी बाई के फार्म हाउस के पास उमेश्वर उर्फ ओमू साहू, रविकांत साहू व उनके अन्य 7-8 साथियों ने लाठी, डंडा एवं लोहे के पाइप से प्राणघातक हमला व मारपीट की थी। हालांकि इस मामले में सभी पुलिस की गिरफ्त में हंै।

रेत ठेकेदारों के आगे विभाग नतमस्तक

बता दें कि जब जिले के एक भी खदान में खनन की अनुमति नहीं है तो अखिर रेत खनन कैसे हो रहा है। रेत खनन की जानकारी विभाग को नहीं रहती। उसे जानकारी देनी पड़ती है। तब जाकर कार्रवाई करने पहुंचती है पर जहां बार-बार कार्रवाई कर रही है। वहां फिर से रेत खनन शुरू हो जाता है।

दो साल पहले हर्राठेमा रेत खादन में हुई थी मारपीट व लूट

साल 2023 में जिले के हर्राठेमा रेत खदान में दो कर्मचारियों पर नकाबपोश लुटेरों ने चाकू, डंडा और चैन से हमला कर से मोबाइल व नकद 40-50 हजार रुपए लूट लिए थे। इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

बिना अनुमति रेत खनन पर सरपंच को जारी किया था नोटिस

बीते माह ही गुरूर विकासखंड के ग्राम पंचायत पोंड में अवैध रेत उत्खनन की शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीएम गुरुर रामकुमार सोनकर ने सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दरअसल ग्राम पोंड में रेत खदान की कोई स्वीकृति नहीं है। बावजूद इसके यहां लगातार अवैध उत्खनन की सूचनाएं मिल रही थीं। इन शिकायतों के बावजूद पंचायत द्वारा न तो कोई सूचना प्रशासन को दी गई और न ही रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया।

खनिज अधिकारी नहीं देते कार्रवाई के आंकड़े

मामले में खनिज विभाग के अधिकारी मीनाक्षी साहू से कई बार दूरभाष से सम्पर्क कर व मैसेज कर जानकारी मांगी गई। कितनी कार्रवाई अब तक विभाग ने की है पर इसका आंकड़ा भी नहीं बता पाए। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा था कि जिले में एक भी रेत खदान में खनन चालू नहीं है।

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