प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गुंडरदेही ब्लॉक मुयालय से 20 किलोमीटर दूर ग्राम भुसरेंगा निवासी किसान रामकुमार साहू पिता सीताराम साहू उम्र 46 वर्ष अपनी जमीन रजिस्ट्री के लिए पिछले एक साल से लगातार रजिस्ट्रार कार्यालय व एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे थे।
किसान रामकुमार ने बताया कि वे अपनी निजी जमीन की रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं। परंतु राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक उनकी बहन का नाम रेवती उर्फ लक्ष्मी था लेकिन बहन की शादी के बाद उनका आधार कार्ड, पेन कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में उनका नाम लक्ष्मी बाई लिखा है, जिसके कारण जमीन की रजिस्ट्री रोक दी गई है।
अस्पताल में नहीं मिली कोई सुविधा
किसान ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुंडरदेही में मरीजों के उपचार के लिए कोई सुविधा नहीं है। अस्पताल में जब कोई मरीज पहुंचता है तो मरीजों की जांच करने कोई डॉक्टर नहीं आते बल्कि नर्स मरीजों का उपचार करती हैं। साथ ही मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, जिससे मरीज परेशान होते हैं और उनके स्वास्थ्य पर भी खतरा बना हुआ है। दस्तावेज सुधारवाने में काफी परेशानियां हो रही हैं
किसान रामकुमार ने बताया कि बहन रेवती उर्फ लक्ष्मी बाई का नाम सभी दस्तावेजों में लक्ष्मी बाई है, जिसको सुधारवाने में काफी परेशानियां हो रही हैं। उन्होंने एसडीएम कार्यालय व उप पंजीयक कार्यालय में अधिकारी एवं कर्मचारियों से जमीन की रजिस्ट्री कराने की गुहार लगाई परंतु शासन के नियमों का हवाला देते हुए किसान को वापस भेज दिया गया, जिससे परेशान होकर किसान रामकुमार साहू ने उप पंजीयक कार्यालय में कीटनाशक दवाई का सेवन कर लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को रजिस्ट्री के नियमों में संशोधन करना चाहिए।
कांग्रेस नेता पहुंचे मरीज का हाल चाल जानने
किसान की
आत्महत्या करने की कोशिश की जानकारी मिलने पर कांग्रेस नेता संजय साहू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और किसान की पत्नी एवं उनके बच्चे से किसान का हाल चाल जाना। उन्होंने कहा कि भाजपा के सुशासन में कोई विकास नहीं हो रहा है बल्कि किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार रजिस्ट्री के सरलीकरण के नाम पर वाहवाही लूट रही है। लेकिन किसान आत्महत्या करने विवश हो रहे हैं।
रामकुमार पिता सीताराम निवासी ग्राम भुसरेंगा ने उप पंजीयक गुंडरदेही को जहर सेवन की धमकी देते हुए दबाव बनाने का प्रयास किया। जबकि उसने इसके लिए विधिवत कोई भी आवेदन कार्यालय उप पंजीयक के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया था।दिव्या उमेश मिश्राकलेक्टर