CG News: चुनाव के बहिष्कार का निर्णय
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत कुकुरदी में बलौदाबाजार से लाकर बसाए गए सांवरा जाति के लोगों को वार्ड नंबर 12 में शामिल किया गया है। वे इसका पहले से ही विरोध कर रहे हैं। यह विरोध 2013 से चल रहा है। पहले सांवरा बस्ती के लोग बलौदाबाजार के वार्ड-2 में मतदान करते थे। लोकसभा, विधानसभा चुनाव में भी यहीं वोट डालते थे। सोसाइटी से चावल भी उन्हें बलौदाबाजार से मिलता था। अब उन्हें कुकुरदी ग्राम पंचायत में शामिल कर लिया गया है। इसे लेकर कुकुरदी के ग्रामीण आक्रोशित हैं। ग्रामीणों ने इस मुद्दे को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। बताया जा रहा है कि सांवरा बस्ती से एक महिला ने पंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। निर्विरोध पंच निर्वाचित हो चुकी है। इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को गांव में बैठक हुई। इसमें सबने एकमत से पंचायत चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया गया। मौजूदा सरपंच संतोष ध्रुव ने बताया कि वे 2013 से सांवरा बस्ती के कुकुरदी में शामिल होने का विरोध कर रहे हैं।
पहले कलेक्टर ने उनकी मांग को माना था और सांवरा बस्ती के लोग बलौदाबाजार के वार्ड नंबर 2 में मतदान करते थे। लेकिन अब उन्हें दोबारा कुकुरदी में शामिल किया गया है। इस पर ग्रामीण एकमत होकर विरोध कर रहे हैं। संतोष ध्रुव ने यह भी बताया कि 6 जनवरी और फरवरी में कलेक्टर को ग्रामीणों ने आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिसके चलते अब ग्रामीणों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।
कसडोल में भी दिखा मतदान का उत्साह
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के द्वितीय चरण में कसडोल निर्वाचन क्षेत्र में 20 फरवरी को शांतिपूर्ण मतदान हुआ। क्षेत्र के मतदाता उत्साह से मतदान करने पहुंचे। अपरान्ह 1 बजे तक 58.20% मतदान हुआ। मतदान का अंतिम समय अपरान्ह 3 बजे था। कलेक्टर दीपक सोनी के नेतृत्व में सभी मतदान केंद्रों में बेहतर व्यवस्था की गई। उनके निर्देशानुसार, रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों ने लगातार मॉनिटरिंग की। क्षेत्र के युवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं ने भी लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी निभाई। कसडोल जनपद पंचायत क्षेत्र में कुल 293 मतदान केंद्र थे। यहां जिला पंचायत सदस्य और 903 पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए मतदान हुआ।
मतदान केंद्रों में सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतार लग गई थी। कसडोल के पास के गांवों जैसे छरछेद, छांछी, पिसीद, सेल, गोरधा, मोहतरा और सेमरिया में मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते रहे। ग्राम पंचायत सेल की 96 वर्षीय सुहावन बाई ने व्हीलचेयर पर बैठकर मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला। वहीं, पिसीद में देवांगन समाज के अध्यक्ष रामनारायण देवांगन के पुत्र हरिशंकर देवांगन ने पहले मतदान किया और फिर अपनी बारात के लिए रवाना हुए।
खदान बंद नहीं होगी तब तक वोट भी नहीं
कसडोल में समीपस्थ
ग्राम पंचायत कोट के निवासियों ने प्रशासन की कोशिशों को नकारते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाग लेने से मना कर दिया। ग्रामवासियों की प्रमुख मांग आशू स्टोन पत्थर खदान को बंद कराने की है। इसे लेकर वे लंबे समय से लामबंद हैं। कोट के लोग इस खदान से हो रहे प्रदूषण और पर्यावरण के नुकसान से परेशान हैं। उन्होंने कई बार प्रशासन से खदान बंद करने की मांग की, लेकिन आश्वासन ही मिला। इससे नाराज गांववालों ने इस बार चुनाव का बहिष्कार का निर्णय लिया। उन्होंने ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें खदान बंद करने की मांग की गई थी।
किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेने का संकल्प
प्रशासन ने गांव में चुनाव को सफल बनाने के लिए कई कोशिशें कीं। एसडीएम और अन्य अधिकारियों ने गांव पहुंचकर लोगों को चुनाव में भाग लेने के लिए समझाया, लेकिन कोट के लोग अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने चुनाव प्रचार प्रसार में भी किसी अन्य गांव से नहीं आने दिया और बकायदा बैनर भी लगाए। चुनाव दल को मतदान कराने में असफलता मिली और उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। कोट के लोग जब तक उनकी मुय मांग पूरी नहीं होती, तब तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेने का संकल्प लिए हुए हैं। बलौदाबाजार, कटगी में बाजार चौक स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मतदान केंद्र में सगी बहनें रमा और प्रभा देवांगन हल्दी और मेहंदी लगे हाथों के साथ मतदान करने पहुंची। दोनों बहनें जल्दी ही अपने-अपने गृहस्थ जीवन की शुरुआत करने जा रही हैं, लेकिन मतदान को अपनी जिमेदारी समझते हुए उन्होंने पहले अपना मताधिकार का उपयोग किया। दोनों ने कहा कि हर नागरिक को अपने मत का उपयोग करना चाहिए।
कुकुरदी में संघर्ष जारी
CG News: सांवरा बस्ती पहले बलौदाबाजार के इंदिरा कॉलोनी स्थित मुरूम खदान में थी। 2012-13 में उन्हें कुकुरदी के बंजर मैदान में बसाया गया। प्रशासन ने सांवरा बस्ती के लिए पेयजल, प्रकाश आदि की व्यवस्था की। आज तक यह साफ नहीं हो पाया है कि उनका नाम किस जगह की मतदाता सूची में डाला जाए।
छोटे कद-काठी वाली सुशीला का बड़ा संदेश
कसडोल के पीसीद गांव की जागरूक मतदाता कुमारी सुशीला बाई ने गुरुवार को अपने मताधिकार का उपयोग किया। छोटे कद काठी वाली सुशीला ने नागरिकों से अपील की कि वे भी अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
दिव्यांग मतदाता आए आगे
पीसीद मतदान केंद्र में दिव्यांग मतदाता फूलचंद साहू ने उत्साह से मतदान किया। उन्होंने बिना कठिनाई वोट दिया। फूलचंद ने मतदान केंद्र में किए बेहतर इंतजामों के लिए जिला प्रशासन का आभार माना।