प्रोफेसर कपूर ने बताया कि अगले कुछ दिनों में सूर्योदय से कुछ ही देर पहले पूर्व दिशा में उदय स्थान के आसपास बुध ग्रह चमकता हुआ नजर आएगा। मध्य आकाश में चंद्रमा की छटा बिखरेगी। लेकिन, सायंकाल का नजारा बिल्कुल अलग होगा। सूर्यास्त के बाद पश्चिम में थोड़ी ऊंचाई पर यदि सबसे चमकीली कोई चीज आपको आकर्षित करे तो वह शुक्र ग्रह है। शुक्र के पास थोड़ी क्षीण चमक लिए थोड़ा नीचे शनि ग्रह मौजूद होगा। अगर, पूर्व की ओर निगाह करें तो ऊंचाई पर सबसे चमकदार बिंदु बृहस्पति ग्रह है। नजर थोड़ा क्षितिज की ओर करें तो लालिमा लिए मंगल ग्रह ध्यान आकर्षित करेगा। लेकिन, यह तभी संभव होगा जब आसमान में बादल नहीं हों। ऐसा नहीं कि यह स्थिति बहुत दुर्लभ है। पिछली बार दिसम्बर 2021 में भी ऐसे ही स्थितियां बनी थीं।
उन्होंने कहा कि सौर मंडल में सभी ग्रह लगभग एक ही तल में रहते हुए सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इसलिए आकाश में उन्हें आजकल लगभग एक सीध में पाया जा सकता है। वर्तमान स्थिति में शुक्र और बृहस्पति के बीच में कहीं यूरेनस और नेप्च्यून हैं जिन्हें देखने के लिए दूरबीन की जरूरत होगी। ग्रहों का इस प्रकार आकाश में दृश्य प्रस्तुत करना मात्र संयोग है। इसका हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता।