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बैंगलोर

कर्नाटक सरकार मैकेदाटू परियोजना लागू करने पर दृढ़, हमने सभी आवश्यक कदम उठाए : शिवकुमार

कर्नाटक सरकार कावेरी नदी पर मैकेदाटू परियोजना को लागू करने के लिए दृढ़ है और उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। राज्य को अदालत से न्याय मिलेगा। इस परियोजना से कर्नाटक की तुलना में तमिलनाडु को अधिक लाभ होगा।

बैंगलोरMar 25, 2025 / 10:42 pm

Sanjay Kumar Kareer

shivakumar
बेंगलूरु. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार कावेरी नदी पर मैकेदाटू परियोजना को लागू करने के लिए दृढ़ है और उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि राज्य को अदालत से न्याय मिलेगा। तमिलनाडु के सहयोग का अनुरोध करते हुए उन्होंने दोहराया कि इस परियोजना से कर्नाटक की तुलना में तमिलनाडु को अधिक लाभ होगा।
शिवकुमार सोमवार को राज्य विधानसभा में तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्नाटक निचले तटवर्ती राज्य के रूप में तमिलनाडु की सहमति के बिना मैकेदाटू संतुलन जलाशय के साथ आगे नहीं बढ़ सकता।
शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, हमारा पानी, हमारा अधिकार। तमिलनाडु ने पहले भी राजनीतिक रुख अपनाया है। हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और हमें न्याय मिलने का भरोसा है। उन्हें जो करना है करने दें- कोई भी अदालती कार्यवाही में बाधा नहीं डाल सकता। वे अपना तर्क पेश करेंगे और हम अपना तर्क पेश करेंगे।
दुरईमुरुगन के इस दावे को खारिज करते हुए कि कर्नाटक ने अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जमा नहीं की है, शिवकुमार ने कहा, यह झूठ है। हमने डीपीआर जमा कर दी है। हम अपने रुख पर अड़े हुए हैं, सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और केंद्र सरकार को इसकी जानकारी है। हम इस मामले में कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।
भाजपा की इस मांग पर कि वह अपने मित्र तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन को परियोजना को मंजूरी देने के लिए मना लें, शिवकुमार ने कहा, राज्य के तौर पर तमिलनाडु का अपना राजनीतिक रुख है।
जद-एस के संरक्षक और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी पर परियोजना के लिए केंद्रीय मंजूरी हासिल करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, राजनीति में कई तरह के दबाव होते हैं, लेकिन मुझे अदालतों पर भरोसा है। आज भी मैं तमिलनाडु से सहयोग करने का आग्रह करता हूं- यह परियोजना कर्नाटक से ज्यादा उनके हित में है। इसका उद्देश्य समुद्र में बहकर पानी को बर्बाद होने से रोकना है।
मैकेदाटू परियोजना पर दुरईमुरुगन के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कांग्रेस सरकार की आलोचना की और परियोजना पर तमिलनाडु के एकतरफा और असहयोगी रुख की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह किया।
उन्होंने एक्‍स पर पोस्ट किया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने परिसीमन के फर्जी मुद्दे पर बेशर्मी से डीएमके और तमिलनाडु के सीएम एमके स्‍टालिन की धुनों पर नृत्य किया। लेकिन बदले में कर्नाटक को क्या मिला? मैकेदाटू पर मुंह पर तमाचा। अगर कर्नाटक कांग्रेस में थोड़ी भी शर्म और स्वाभिमान बचा है, तो उसे एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए और तमिलनाडु के रवैये की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए।
अशोक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी चुनौती दी क्या राहुल गांधी कर्नाटक के साथ खड़े होने और मैकेदाटू पर सीएम एमके स्‍टालिन की सरकार के रुख की निंदा करने की हिम्मत करेंगे?
मैकेदाटू कर्नाटक द्वारा प्रस्तावित एक बहुउद्देश्यीय परियोजना (पेयजल और बिजली के लिए) है। इसमें रामनगर जिले के कनकपुरा के पास 67.16 टीएमसी फीट क्षमता वाला एक संतुलन जलाशय बनाना शामिल है। तमिलनाडु इस परियोजना का विरोध कर रहा है, क्योंकि उसे चिंता है कि इससे राज्य की जल आपूर्ति प्रभावित होगी।
कर्नाटक के अधिकारियों के अनुसार, एक बार पूरा हो जाने पर, यह परियोजना बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों को 4.75 टीएमसी फीट पीने का पानी उपलब्ध कराएगी और 400 मेगावॉट बिजली पैदा करेगी।

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