जारकीहोली ने मंगलवार को बेंगलूरु में मीडिया से कहा, हमने विजयेंद्र को बदलने की अपनी मांग के बारे में उन्हें समझाने की कोशिश की है। पार्टी हाईकमान जो भी फैसला लेगा, हम उसका पालन करेंगे। विद्रोही सार्वजनिक रूप से विजयेंद्र पर कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर समझौता राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने उन पर निरंकुश होने और एकतरफा फैसले लेने का भी आरोप लगाया है।
इस बीच, दिल्ली में अन्य बागियों के साथ शामिल होने के लिए तैयार प्रमुख बागी नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कलबुर्गी में मीडियाकर्मियों से कहा कि अगर सभी को लगता है कि लिंगायत को अगला अध्यक्ष बनना चाहिए तो वे विजयेंद्र के खिलाफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि बागी समूह सर्वसम्मति से उम्मीदवार उतारेगा। उन्होंने कहा कि अगर विजयेंद्र इस्तीफा देते हैं तो तीन दिन के भीतर पार्टी में सब कुछ ठीक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने उन्हें अपने विचार व्यक्त करने के लिए अपॉइंटमेंट्स दिए हैं।
बागियों के एजेंडे में तीन बिंदु
यतनाल ने कहा कि हिंदुत्व, वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार के मुद्दे केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा का मुख्य एजेंडा होंगे। उन्होंने कहा, कंेद्रीय नेताओं को इन मुद्दों के बारे में हमारे सवालों का जवाब देना होगा। वे केंद्र में वंशवाद की राजनीति के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन वरिष्ठ नेता बीएस येडियूरप्पा के बेटे को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करते हैं। अगर ऐसा है, तो उन्हें वंशवाद की राजनीति और हिंदुत्व के बारे में नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका समूह अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख एसटी नेता बी. श्रीरामुलु या एससी समुदाय से किसी को भी स्वीकार करने के लिए तैयार है।
विजयेंद्र खेमे ने दी बागियों को चुनौती
इस बीच, प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के खेमे ने बागियों को चुनौती दी है कि अगर वे कर सकते हैं तो विजयेंद्र की जगह किसी और को लाकर दिखाएं। उनके समूह के प्रमुख सदस्य एमपी रेणुकाचार्य ने चुनौती दी और कहा कि यह तय है कि विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। कहा जा रहा है कि विजयेंद्र खेमा जारी घटनाक्रम का जायजा लेने बुधवार को बेंगलूरु में बैठक करने की तैयारी कर रहा है।