वेतन का सीधा भुगतान सुनिश्चित करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धरमय्या द्वारा पेश किए गए राज्य बजट में आश्वासन को शामिल करने में राज्य सरकार की विफलता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कर्नाटक राज्य पौरकर्मिक संघ के अध्यक्ष डी.आर. राजू ने कहा, मैसूरु जिले के 13 शहरी स्थानीय निकायों में लोडर, कचरा निकासी वाहनों के चालक और अंडर ग्राउंड ड्रेनेज (यूजीडी) क्लीनर के रूप में काम करने वाले लगभग 1,000 आउटसोर्स सफाई कर्मियों को अभी भी निजी एजेंसी द्वारा भुगतान किया जा रहा है जबकि बाकी को सीधे उनके संबंधित नागरिक निकायों से वेतन मिल रहा है।
नगर निकाय द्वारा सीधे वेतन का भुगतान करने से न केवल आउटसोर्स किए गए सफाई कर्मियों को नौकरी की सुरक्षा की भावना पैदा होगी बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि वेतन समय पर जमा हो।उन्होंने सरकार से जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए सफाई कर्मियों का वेतन न्यूनतम 25,000 रुपए प्रतिमाह करने का भी आग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं कीं तो वे आंदोलन तेज करेंगे।