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बांसवाड़ा

राजस्थान में AI करेगी किसानों की मदद: मोबाइल से कर सकेंगे, सिंचाई और खाद छिड़काव, यह होगा फायदा

प्रदेश के किसान अब खेती में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग करेंगे। फसल में कब कितना पानी देना है, कब और कितनी खाद का छिड़काव करना है ? किसान यह सब काम अब एआई के जरिए कर सकेंगे।

बांसवाड़ाJan 05, 2025 / 07:19 pm

Kamlesh Sharma

farmers in Rajasthan
आशीष बाजपेयी/ बांसवाड़ा। प्रदेश के किसान अब खेती में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग करेंगे। फसल में कब कितना पानी देना है, कब और कितनी खाद का छिड़काव करना है ? किसान यह सब काम अब एआई के जरिए कर सकेंगे। इनके अलावा एआई, किसानों को मौसम, जल प्रबंधन, जल मांग, पोषक तत्व आदि की सटीक जानकारी और सलाह भी देगा।
बड़ी बात यह है कि प्रदेश के इन किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के प्रयास सरकार स्वयं कर रही है। और किसानों को अनुदान भी दे रही है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश की युवा पीढ़ी का रुझान कृषि की ओर बढ़े। इसके लिए सरकार ने ऑटोमेशन, फर्टीगेशन एवं सामुदाय आधारित कृत्रिम बुद्धिमता समाधान परियोजना शुरू की है।

यह है योजना

योजना के तहत सिंचाई और खाद छिड़काव को क्रमश : ऑटोमेशन और फर्टिगेशन की आधुनिक पद्धति से जोडऩे का प्रयास होगा। किसानों को सिर्फ सिंचाई के लिए ऑटोमेशन, खाद छिड़काव के लिए फर्टिगेशन और सिंचाई एवं फर्टिलाइजर के लिए ऑटोमशन एवं फर्टिगेशन के विकल्प भी दिए गए हैं। जब कि समुदाय आधारित कृत्रिम बुद्धिमता समाधान के लिए कुछ जिलों को चयनित किया गया है।
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ऐसे समझे ऑटोमेशन प्रणाली

ऑटोमेशन स्वाचालित प्रणाली से सिंचाई अपनेआप होती है। कंट्रोलर, सेंसर सोलोनाइड वॉल्व, फिल्टर्स व अन्य युक्तियों के जरिए ड्रिप सिंचाई संयंत्रों का स्वचालन होता है। श्रम बचत के साथ ही पानी व पोषक तत्वों की इच्छित मात्रा व समय पर पौधों को प्राप्त होती है। इससे उत्पादन मात्रा एवं गुणवत्ता में प्रभावी इजाफा होता है।

किसानों को यह फायदा –

  • किसानों का काम सहज होगा
  • सिंचाई के लिए समय और पानी की मात्रा का ज्ञान रहेगा
  • नियंत्रित सिंचाई होने से सीपेज और ओवरफ्लो से निदान मिलेगा
  • दवा छिड़काव की मात्रा, समय आदि की जानकारी मिलेगी
  • सिंचाई और खाद छिड़काव के लिए किसानों को खेत तक जाने की जरूरत खत्म होगी

इन 10 जिलों में सबसे ज्यादा लगेंगे संयंत्र

जिला : ऑटोमशन भूमि क्षेत्र (हे.) : फर्टि. भूमि क्षेत्र (हे.)
जालोर : 271:165
जयपुर : 194: 97

बाड़मेर : 178: 106

जोधपुर : 163:100

सीकर : 156:93

झालावाड़ : 125:73

भीलवाड़ा : 124:71

अलवर : 123:70

नागौर : 114: 68
हनुमानगढ़ : 110:70

(भूमि क्षेत्र हेक्टेयर में )

संभाग में इतने हेक्टेयर की अनुमति –

जिला : ऑटोमशन भूमि क्षेत्र (हे.) : फर्टि. भूमि क्षेत्र (हे.)

बांसवाड़ा :23:1
उदयपुर : 27:6

डूंगरपुर :15:2
चित्तौडगढ़़ :91:57
प्रतापगढ़ : 59:17

(भूमि क्षेत्र हेक्टेयर में )

फैक्ट फाइल

  • 2500 हेक्टेयर में पूरे प्रदेश में लगाई जाएगी ऑटोमशन प्रणाली
  • 1393 हेक्टेयर में फर्टिगेशन के लिए करेंगे काम
  • 737.74 लाख रुपए ऑटोमेशन के लिए पूरे प्रदेश के खर्च करेगी सरकार
  • 767.38 लाख रु. फर्टिगेशन का बजट

क्लस्टर बनाकर गांवों का चयन करेंगे

कृषि को उन्नत बनाने के लिए सरकार द्वारा यह कदम बढ़ाया जा रहा है। बतौर पाइलट प्रोजेक्ट इस पर काम शुरू हो चुका है। इसमें कलस्टर बनाकर गांवों का चयन किया जाएगा। इससे किसानों को काफी राहत होगी और यह कृषि क्षेत्र में अच्छा प्रयास है।

डॉ. रवींद्र कुमार वर्मा, संयुक्त निदेशक, उद्यान, उदयपुर खंड

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