प्रमोद शर्मा ने बताया कि बारिश में स्पानों का निर्माण भी किया जा रहा है। पार्वती नदी में आए जोरदार उफान से पिलरों के तार जरूर टेढ़े हुए है। अगले वर्ष बारिश तक संभवत पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। जिससे क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को राहत मिलेगी। बारिश में अटरू उपखंड व किशनगंज उपखंड के दर्जनों गांवों का तीन से चार माह तक संपर्क कट जाता है। लोगों को अटरू उपखंड व छबड़ा, छीपाबड़ोद सहित गांवो में जाने के लिए लंबी दूरी का सफऱ तय करना पड़ता है।
इन गांवों के लोगों की मिलेगी बड़ी राहत
अटरू उपखंड के अरनिया, देंगनी जागीर, मुंडला बिसोती, पिपलोद, बहादुरगंज, चरडाना, मोतीपुरा जाने के लिए बराना स्टेट हाईवे से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। बारिश में पार्वती नदी में पानी की आवक होते ही स्टेट हाईवे 72 तीन से चार माह के लिए बंद हो जाता है। ऐसे में क्षेत्र के रामपुरा, जलवाड़ा, यावदा, कुंडी, हरिपुरा, अहमदा, अहमदी, बमोरी, खल्दा, खल्दी, बालापुरा, किशनपुरा सहित अन्य गांवो के लोगों को कई दिक्क़तों का सामना करना पड़ता है। उन्हे अटरू उपखंड में जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग किशनगंज होते हुए 60 किलोमीटर का सफऱ तय करना पड़ता है। जिसमें काफी लग जाता है।
मध्य प्रदेश के लिए है शॉर्ट कट
बराना वाया जलवाड़ा-नाहरगढ़ से मध्य के अनारद चौराहे तक इंटर स्टेट हाईवे 72 है। यह मार्ग एमपी के गुना, अशोक नगर, सागर, इंदौर सहित अन्य शहरों तक जाने के लिए शॉर्ट कट मार्ग है। इसी तरह से बारां जिले के कई शहरों,कस्बे व गांवो में आने के लिए भी शॉर्ट कट है। इतना हीं नहीं उक्त मार्ग से कोटा, बूंदी, बीकानेर, भीलवाड़ा सहित अन्य शहरों के ट्रक व ट्रोले भी आते व जाते है।
हादसों से मिलेगी राहत
पार्वती नदी पर पुल निर्माण होने से प्रति वर्ष होने वाले हादसों से राहत मिलेगी। पार्वती नदी की देंगनी की पुलिया रियासत काल की छोटी पुलिया है। थोड़ी बारिश में हीं पुलिया डूब जाती है। पांच दशक में पुलिया पार करने के दौरान दर्जनों व्यक्तियों के पैदल निकलने व वाहनों के बहने से अकाल मौत हो गई है। पुल निर्माण से हादसों पर रोक लग जाएगी। पुल निर्माण से क्षेत्र के हजारों ग्रामीण काफी खुश है।