वेबसाइट पर भी हो सकते आवेदन अभियान में स्वेच्छा से नाम हटवाने के लिए विभागीय वेबसाइट पर भी प्रार्थी सीधे आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा से जुडे उपभोक्ताओं की जांच की जायेगी। यह अभी जांच ऑनलाइन माध्यम से होगी। इसमे उपभोक्ताओं के बैंक खाते और परिवहन विभाग आदि की जानकारी जुटाई जा रही है। इनके अलावा योजना के तहत अपात्र पाए जाने वाले उपभोक्ताओं से 27 रुपए प्रति किलों के हिसाब से वसूली की तैयारी शुरू कर दी है।
यह होंगे योजना से बाहर ऐसे परिवार जिसका कोई भी एक सदस्य आयकर दाता हों। ऐसे परिवार जिसका कोई भी एक सदस्य सरकारी/ अद्र्वसरकारी/ स्वायतशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी/ अधिकारी हो । या फिर प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक की पेंशन प्राप्त करता हो। ऐसे परिवार जिसके किसी भी एक सदस्य के पास चारपहिया वाहन हो ( ट्रैक्टर व वाणिज्यिक वाहन को छोडकऱ, जो जीविकोपार्जन के उपयोग मे आता हो)
इनसे पकड़ मे आएंगे अपात्र लोग जानकारी के अनुसार खाद्य विभाग सभी की केवाईसी करवा रहा है। इसके तहत लाभार्थियों के राशन कार्ड आधार कार्ड से जुड गए हैं। आधार कार्ड से पैन कार्ड एंव बैंक खाते ङ्क्षलक हैं। इससे उपभोक्ताओं के खातें मे आने वाले भुगतान और आईटीआर की जानकारी मिलेगी। साथ ही परिवहन विभाग को सूची भेजकर उनके नाम रजिस्टर्ड चौपहिया वाहनों की जानकारी प्राप्त की जा रही है। प्रकरण संज्ञान मे आने पर 27 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से वसूली की जाएगी।
जिले में 299 कार्ड धारकों ने छोड़ी पात्रता जिला रसद अधिकारी अनिल चौधरी ने बताया कि जिले में गिवअप अभियान अंतर्गत सक्षम व्यक्तियों द्वारा 299 राशन कार्ड के लगभग 1103 उपभोक्ताओं की ओर से स्वेच्छा से पात्रता छोड़ी जा चुकी है। इच्छुक व्यक्ति नजदीकी राशन डीलर के पास आवेदन कर या विभागीय वेबसाइट पर भी सीधा आवेदन कर खाद्य सुरक्षा योजना से नाम हटवा सकते हैं।