मौलाना रज़वी ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री और रामभद्राचार्य मौसम देखकर बयान देते हैं। इस वक्त बिहार में चुनाव नजदीक हैं, और तमाम राजनीतिक दलों की तरह ये कथावाचक भी सियासी माहौल गर्म करने में जुटे हैं। धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बना तो बिहार पहला राज्य होगा। यह बयान महज चुनावी फायदे के लिए दिया गया है। वह बीते दो वर्षों से हिंदू राष्ट्र का अभियान चला रहे हैं लेकिन देश की जनता ने इसका साथ नहीं दिया, जिससे उनका पूरा अभियान दम तोड़ चुका है।
उन्होंने रामभद्राचार्य के बयान को भी गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि वह कह रहे हैं कि भारत में 80 फीसदी हिंदू हो जाएंगे तो देश को भगवा ए हिंद बना दिया जाएगा। जबकि सच्चाई यह है कि देश में पहले से ही 81 फीसदी गैर मुस्लिम और 19 फीसदी मुस्लिम आबादी है। ऐसे में यह बयान महज कट्टरपंथ को हवा देने वाला है।
मौलाना ने कहा कि इन दोनों कथावाचकों की भाषा और गजवा ए हिंद का नारा लगाने वाले कट्टरपंथियों की जुबान में कोई फर्क नहीं रह गया है। इस तरह के बयानों से देश की एकता और सामाजिक सौहार्द को गहरी चोट पहुंचती है। भारत की खूबसूरती उसकी विविधता और लोकतंत्र में है, और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
उन्होंने कहा कि देश को हिंदू या इस्लामी राष्ट्र बनाने की बात करने वाले लोग भारत की मूल आत्मा को चोट पहुंचा रहे हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है, और यही इसकी पहचान रहेगी।