महामंत्री मनोज खंडूजा का बयान
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मनोज खंडूजा ने कहा, “कोरोना महामारी के दौरान आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को अस्थायी रूप से अनुमति दी गई थी। लेकिन अब यह व्यवस्था न केवल अनियमित हो गई है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा और फार्मेसी व्यवसाय पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो हम विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।”
पदाधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में डीबीसीए के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, रितेश गुप्ता, संजीव बंसल, और सुबोध गुप्ता समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने भी ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को अवैध करार देते हुए इसे तुरंत बंद करने की मांग की।
संभावित आंदोलन की तैयारी
संस्था ने सभी जिलों में अपने सदस्यों को आंदोलन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त नियम लागू करने की मांग होगी।
सार्वजनिक सुरक्षा का मुद्दा
संस्था का तर्क है कि ऑनलाइन दवा बिक्री से मरीजों को गलत या नकली दवाओं का खतरा है। साथ ही, स्थानीय फार्मेसियों को भी इससे भारी नुकसान हो रहा है। यदि इस पर शीघ्र प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।