पहले भी जेई पर हुई थी कार्रवाई
इससे पहले 20 दिसंबर को अधीक्षण अभियंता ज्ञानेंद्र सिंह ने शाही उपकेंद्र के जेई साबिर खान को गंभीर आरोपों के चलते निलंबित किया था। निलंबित जेई पर विभागीय कार्यों में रुचि न लेने, ओटीएस योजना के तहत समय पर कैंप आयोजित न करने और उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान न करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। निगम में चर्चा है कि उच्च अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए अधीनस्थों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि वे स्वयं स्थलीय सत्यापन की जरूरत भी नहीं समझते।
ओटीएस में खराब प्रदर्शन पर चेयरमैन की नाराजगी
कलक्ट्रेट सभागार में चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने बिजली निगम के अभियंताओं के साथ बैठक की। इसमें ओटीएस, बिजनेस प्लान, और पुनर्गठन योजनाओं की समीक्षा की गई। देहात क्षेत्रों में ओटीएस योजना के खराब प्रदर्शन पर उन्होंने नाराजगी जताई और सुधार के निर्देश दिए।
चेयरमैन का दौरा और समीक्षा
डॉ. गोयल बुधवार सुबह 11 बजे बरेली पहुंचे। कुछ समय अपने परिचित के घर पर बिताने के बाद, वह दोपहर 2:30 बजे कलक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक में शामिल हुए। बैठक में 15 से 31 दिसंबर तक चल रहे ओटीएस योजना के पहले चरण के दौरान हुए पंजीकरण और राजस्व संग्रह की जानकारी ली गई। परिणाम संतोषजनक न होने पर चेयरमैन ने अभियंताओं को फटकार लगाई।
कागजी कामों पर नाराजगी
चेयरमैन ने शहरी वितरण खंडों के पुनर्गठन की स्थिति पर भी सवाल उठाए। अभियंताओं ने बताया कि काम सिर्फ कागजों पर हो रहा है, जिससे चेयरमैन ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक के दौरान चेयरमैन ने एक अभियंता के वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि अगर काम में सुधार नहीं किया गया तो वीआरएस भी समय पर मंजूर नहीं होगा। अभियंता का वीआरएस फरवरी अंत तक प्रस्तावित है।