लखनऊ के गोमतीनगर निवासी पूनम सेन पत्नी भीम सेन के मुताबिक उन्होंने 15 अप्रैल 2013 को बिथरी चैनुपर के चंदपुर बिचपुरी निवासी प्रेमवती पत्नी पूरन लाल से जमीन का इकरारनामा कराया था। यह इकरारनामा सब रजिस्ट्रार ऑफिस बरेली में रजिस्टर्ड हुआ था। उन्होंने बताया कि जमीन पर उस वक्त एसडीएम कोर्ट में मामला चल रहा था। तय हुआ था कि केस खत्म होने के एक महीने के भीतर रजिस्ट्री हो जाएगी। उन्होंने इस जमीन के बदले कुल 17.5 लाख रुपये प्रेमवती को अलग-अलग तरीकों से दिए।
केस खत्म होने के बाद नहीं कराया बैनामा
पूनम का आरोप है कि केस खत्म होने के बाद भी प्रेमवती ने न तो कोई जानकारी दी और न ही बैनामा किया। उन्होंने कई बार बात की लेकिन हर बार टाल दिया गया। मजबूर होकर पूनम ने 2023 में सिविल कोर्ट बरेली में केस दाखिल किया, जो अब भी विचाराधीन है। इतना ही नहीं, पूनम का दावा है कि प्रेमवती ने जमीन का कुछ हिस्सा पहले ही 2013 में दूसरी महिला को बेच दिया था, जबकि उनसे बाद में पूरे रकबे का इकरारनामा कराया। इसके अलावा, प्रेमवती ने बाद में उसी जमीन को अपने बेटों जितेन्द्र, रामवीर और पप्पू सिंह के नाम दान कर दिया।
एसएसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जब वह बैनामा कराने की बात करती हैं, तो आरोपी और उनका परिवार उन्हें धमकाते हैं और गाली-गलौज करते हैं। पीड़ित ने इस मामले एसएसपी अनुराग आर्य से की। एसएसपी के आदेश के बाद बिथरी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।