प्रेस को जारी बयान में मौलाना रज़वी ने कहा कि मस्जिद इबादत का मुकद्दस स्थान है, न कि सियासी गतिविधियों का मंच। उन्होंने कहा कि मस्जिद में राजनीतिक मीटिंग करना इस्लाम की तालीमात के खिलाफ है और मस्जिद की पवित्रता को ठेस पहुंचाता है।
उन्होंने एक तस्वीर का हवाला देते हुए दावा किया कि रामपुर से सांसद और पार्लियामेंट स्ट्रीट मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी मस्जिद के सहन में समाजवादी पार्टी की बैठक कर रहे थे। इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव, सांसद जियाउर्रहमान बर्क सहित कई हिंदू नेता और महिलाएं भी मौजूद थीं।
मौलाना शहाबुद्दीन ने इस घटना को “खतरनाक” बताते हुए कहा कि यह सीधे-सीधे शरीयत की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि मस्जिद में इस तरह की सियासी बैठकों को मुस्लिम समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने मांग की कि मोहिबुल्लाह नदवी को फौरन इमामत से हटाया जाए और वह मुस्लिम समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो नदवी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
रज़वी ने चेतावनी दी कि भविष्य में मस्जिद की गरिमा से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और मस्जिदों में किसी भी तरह की सियासी गतिविधि को सख्ती से रोका जाएगा।