किला छावनी निवासी बबलू राठौर का शहर में मूंगफली और अनाज का कारोबार है। उन्होंने वर्ष 2024 में अपने बेटे संगम राठौर का एमबीबीएस में दाखिला करवाने के लिए नीट की परीक्षा दिलवाई थी। उसी दौरान उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को सुमित राज पुत्र शंकर प्रसाद वर्मा, निवासी वारिसलिगंज, नवादा (बिहार) बताया। उसने दावा किया कि वह बेंगलुरु के वैदेही मेडिकल कॉलेज में एक करोड़ तीस लाख में एडमिशन दिलवा सकता है।
विरोध करने पर दी जान से मारने की धमकी
विश्वास में लेकर बबलू राठौर बेंगलुरु पहुंचे, जहां होटल श्री वृंदावन पैराडाइज में उनकी मुलाकात सुमित राज और उसके साथी मुवशार हुसैन से हुई। वहां मौजूद एक तीसरे व्यक्ति संजीव श्रीवास्तव को उन्होंने कॉलेज ले जाकर पांच लाख की डिमांड ड्राफ्ट सौंपी। साथ ही 50 हजार रुपये नकद दिए। इसके बाद अलग-अलग तिथियों में व्यापारी ने बैंक ट्रांसफर और नकद के माध्यम से कुल 30,96,500 रुपये इन लोगों को दे दिए। इनमें से कुछ रकम वापस लौटाई गई, लेकिन जब शेष 13,96,500 रुपये व्यापारी ने मांगे, तो आरोपी टालमटोल करने लगे। बाद में फोन उठाना भी बंद कर दिया। जब व्यापारी ने विरोध किया तो तीनों ने जान से मारने की धमकी दी।
एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
परेशान होकर व्यापारी ने पूरे मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की। एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। किला पुलिस ने सुमित राज, मुवशार हुसैन और संजीव श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी, धमकी देने और अमानत में ख्यानत की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की टीम अब बैंक खातों, कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है। जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।