गुड़गांव के खिड़की दौला निवासी शगुफ्ता पत्नी साजिद के मुताबिक साल 2008 में शाहजहांपुर रोड स्थित मोहल्ला सेमलखेड़ा में 430 वर्ग मीटर जमीन का हिबानामा (गिफ्ट डीड) उन्हें और कुछ अन्य लोगों को किया गया था। इसमें से 96 वर्ग मीटर जमीन उनके हिस्से में आई और उन्हें कब्जा भी सौंप दिया गया। चूंकि वे अपने परिवार के साथ गुड़गांव में रहती थीं, इसलिए जमीन की देखभाल की जिम्मेदारी उन्होंने उन्हीं लोगों को दे दी जिन्होंने हिबा किया था।
बगैर मालिकाना हक के बेच दी जमीन
आरोप है कि पीड़ित के भरोसे का फायदा उठाकर तसलीम परवेज, तबस्सुम नदीम, आरफा बेगम और नईमा बेगम ने मिलकर फर्जीवाड़ा कर दिया। साल 2009 में तीन अलग-अलग बैनामों के जरिए शगुफ्ता की जमीन खुद के नाम दिखाकर तीसरे पक्ष को बेच दी। कीमत तय की गई थी 12 लाख रुपये। इस खेल का खुलासा तब हुआ जब 1 फरवरी 2025 को शगुफ्ता को इस सौदे की भनक लगी। उन्होंने तत्काल रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचकर मुआयना कराया और बैनामों की प्रमाणित प्रतियां निकलवाईं। इसमें पता चला कि बगैर मालिकाना हक के यह जमीन बेच दी गई थी।
विरोध करने पर पिटाई, दी मारने की धमकी
इतना ही नहीं, शगुफ्ता का आरोप है कि उन्होंने 2016 में मोहसिन तनवीर नाम के एक व्यक्ति को आरटीजीएस के जरिए 10 लाख से ज़्यादा की रकम जमीन के बदले में भेजी थी। लेकिन अब न तो उन्हें जमीन वापस मिल रही है, न ही पैसा। उल्टा, जब उन्होंने 28 अप्रैल 2025 की रात करीब 9 बजे इस पूरे मामले में बात करनी चाही, तो आरोपियों ने उनके और उनके बेटे के साथ हाथापाई की, गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी भी दी।
एसएसपी के आदेश पर एफआईआर दर्ज
शगुफ्ता का आरोप है कि मोहसिन तनवीर का बेटा अरहम उमर उनकी गले की सोने की चेन भी झपट कर ले गया और इस छीना-झपटी में उनके कपड़े भी फट गए। पीड़िता ने इस मामले में एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की। एसएसपी के आदेश के बाद बारादरी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।