खराब पाइप और घटिया सामग्री बनी परेशानी की वजह
नगर निगम की इस नई बिल्डिंग का निर्माण मैसर्स वीके कंस्ट्रक्शन को 2021 में सौंपा गया था। निर्माण की डेडलाइन 2023 में पूरी हो गई, लेकिन काम की रफ्तार इतनी धीमी रही कि अब तक पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया। बुधवार को पाइपलाइन के चोक होने के कारण टैक्स विभाग के कक्ष की छत, फर्श और दीवारों से पानी टपकने लगा।
छत से टपकता पानी, कर्मचारियों में मची अफरा-तफरी
पंखे और एयर कंडीशनर में पानी भर गया। जीआईएस सर्वे टीम और बिल सुधारने वाले कक्ष में रखे कंप्यूटर, प्रिंटर और दस्तावेज भीग गये। करदाता और कर्मचारी अपना सामान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आये। घटना की जानकारी मिलते ही नगरायुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) राजीव कुमार राठी को मामले की जांच के निर्देश दिए। जांच में टैक्स विभाग के कक्ष में पानी टपकने की पुष्टि हुई, जिसके बाद एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो लाख का जुर्माना लगाया गया।
पहले भी हो चुका है जुर्माना, फिर भी नहीं सुधरी एजेंसी
यह पहली बार नहीं है जब इस एजेंसी पर जुर्माना लगाया गया हो। पिछले साल भी नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने निरीक्षण के दौरान कई खामियां उजागर की थीं। ऑडिटोरियम के स्टेज पर लगा रेता हाथ से छूते ही झड़ने लगा था। जिस पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया था। तीसरी मंजिल पर निर्माण विभाग के खाली कमरों में कूड़े के ढेर मिले थे। जिस पर पांच हजार का जुर्माना लगाया गया था। प्लाईवुड, गेट और अन्य निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए थे, लेकिन एजेंसी ने कोई सुधार नहीं किया।