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बरेली

चार साहिबजादों का बलिदान सनातन और देश के लिए अमर: धर्मेंद्र कुमार

गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए ब्रज प्रांत के प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि 21 से 27 दिसंबर का समय हमें अपने धर्म, समाज, और संस्कृति के प्रति उनके अप्रतिम त्याग की याद दिलाता है।

बरेलीDec 26, 2024 / 09:17 am

Avanish Pandey

बरेली। गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए ब्रज प्रांत के प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि 21 से 27 दिसंबर का समय हमें अपने धर्म, समाज, और संस्कृति के प्रति उनके अप्रतिम त्याग की याद दिलाता है। उन्होंने कहा, “साहिबजादे अजीत सिंह और जुझार सिंह ने चमकौर की लड़ाई में वीरगति पाई, जबकि नवाब वजीर खान ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिंद में जिंदा दीवार में चुनवा दिया। इसके बावजूद उन्होंने धर्म का त्याग नहीं किया।”

सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में आयोजन

बुधवार को कुदेशिया फाटक स्थित सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के तहत नवदंपति सम्मेलन में मुख्य वक्ता धर्मेंद्र कुमार ने यह बातें कही। कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार, समाज, और संस्कारों को सुदृढ़ करना था। प्रांत सह संयोजक वीरेंद्र मिश्र ने कहा, “सप्ताह में कम से कम एक दिन पूरे परिवार को साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए। पूर्वजों का स्मरण, महापुरुषों की कहानियां और पूजा-अर्चना के बाद भोजन हमारी परंपरा में होना चाहिए।”

मुख्य अतिथि और विशिष्ट वक्ता के विचार

डा. अनुभा अग्रवाल ने नवविवाहितों को संबोधित करते हुए कहा, “विवाह के पहले पांच वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान स्वास्थ्य और परिवार नियोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों की शिक्षा संस्कारों पर आधारित होनी चाहिए।” मुख्य अतिथि नायब तहसीलदार विदित कुमार ने सामूहिक परिवारों की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एकल परिवारों के कारण आज पति-पत्नी के बीच तनाव बढ़ रहा है। सामूहिक परिवार न केवल समाज की ताकत हैं, बल्कि यह हमारी संस्कृति को बचाने में भी सहायक हैं।

गो-पालन और सांस्कृतिक गतिविधियों की अपील

विभाग संयोजक विवेक दुबे ने कहा, “गाय, जो भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय थी, आज बेसहारा हो गई है। इसे हमारे समाज और परिवार में स्थान मिलना चाहिए।” उन्होंने परिवारों से गो-पालन करने, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के भ्रमण की परंपरा शुरू करने और मातृभाषा के अधिक उपयोग की अपील की।

संस्कृति के साथ ज्ञानवर्धन

कार्यक्रम के सह संयोजक संजीव सिंह ने प्रश्नोत्तरी और अंताक्षरी के माध्यम से महापुरुषों और देवी-देवताओं के बारे में जानकारी साझा की। इस आयोजन में शरद गौतम, उमेश कुमार, सोनू पाठक, राज सिंह, और राकेश भदौरिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। वक्ताओं ने पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के संरक्षण पर जोर दिया।

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