कैंट क्षेत्र के गांव मोहनपुर नकटिया निवासी किसान राजकुमार ने जून 2024 में मेरठ निवासी चिन्मय के जरिए भुता क्षेत्र के रजपुरी नवादा में 3.86 हेक्टेयर जमीन का सौदा 11.59 करोड़ रुपये में किया था। बतौर एडवांस राजकुमार ने एक करोड़ रुपये, नकद और चेक दिये थे। चिन्मय ने खुद को जमीन की मालिक विजया चौधरी का दामाद बताया था। अगस्त से अक्टूबर 2024 तक कई बार कहने के बावजूद रजिस्ट्री नहीं कराई। टाल मटोल करते रहे।
रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी का आरोप
17 अक्टूबर 24 की शाम चिन्मय ने हथियारबंद गुर्गों के साथ 100 फुटा रोड स्थित अमर सिंह के ऑफिस में घुसकर धमकी दी। कहा कि अब वह जमीन सपा नेता हरीश लाखा को बेच रहा है। यदि जमीन चाहिये तो पांच करोड़ रुपये और देने होंगे। अमर सिंह को तमंचा दिखाकर धमकाया, करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनाए रखा। पुलिस में शिकायत करने पर पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी दी। उन्होंने कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया, तब भी सपा नेता की दबंगई नहीं थमी। मार्च 2025 में हथियारबंद लोग जमीन पर कब्जा करने पहुंच गए। राजकुमार और अमर सिंह मौके पर पहुंचे, तो हमलावरों ने हरीश लाखा से फोन पर बात कराई। लाखा ने धमकाया, कि तेरी औकात क्या है। अमर सिंह को गमछे से गला घोंटकर मारने की कोशिश की, लेकिन राहगीरों के आने पर हमलावर फरार हो गए। 6 मार्च 2025 को हरीश लाखा ने कोर्ट के स्टे ऑर्डर की अवहेलना करते हुए विक्रेता विजया से फर्जी इकरारनामा करवा लिया। डिप्टी सीएम के आदेश पर सपा नेता हरीश लाखा, चिन्मय, विजया, चंद्रेश सैनी सहित अन्य के खिलाफ रंगदारी, धोखाधड़ी और हत्या की कोशिश, बलवा समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
78 वर्षीय विधवा से मांगी 50 लाख की रंगदारी, सीओ कर रहे जांच
बागपत में इन्द्रप्रस्थ स्टेट फेस-2 की निवासी 78 वर्षीय विजया चौधरी ने एसएसपी को बताया कि बरेली के ग्राम रजपुरी नवादा स्थित उनकी कृषि भूमि का सौदा 11.59 करोड़ रुपये में किया गया था। सौदे में 1 करोड़ रुपये पेशगी मिली, लेकिन खरीदारों ने बाकी रकम न देने की बात कहते हुये एडवांस रुपये वापस मांगे। उनकी तय रकम वापस कर दी गई। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। इसके बावजूद राजकुमार ने कोर्ट में एकतरफा स्टे लेकर जमीन बिक्री पर रोक लगवा दी। 6 दिसंबर 2024 को एकतरफा आदेश प्राप्त कर लिया। विजया चौधरी अपने खेत पर गेहूं की कटाई करने पहुंचीं तो राजकुमार और अन्य 4-5 लोगों ने उन्हें रोक दिया। उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगते हुए जान से मारने की धमकी दी। एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर पिछले सप्ताह से मामले की जांच सीओ फरीदपुर आशुतोष शिवम कर रहे हैं।