बाड़मेर के इंद्रोई निवासी शैतान सिंह (25) पुत्र हेम सिंह की शादी पाकिस्तान के अमरकोट शहर निवासी केसर कंवर (21) से होनी तय हुई थी। लेकिन पहलगाम अटैक (22 अप्रैल) के कारण बॉर्डर बंद हो गया। शादी की तैयारियों के साथ दुल्हा परिवार के सदस्यों के साथ 23 अप्रैल को अटारी बॉर्डर के रवाना हुए। एक दिन बाद 24 अप्रैल को अटारी बॉर्डर पहुंच गए।
बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें पाकिस्तान जाने से रोक दिया है। इसके बाद दुल्हा व परिवार के सदस्य मायूस होकर लौट आए है।
18 फरवरी को मिला वीजा
जानकारी के मुताबिक शैतान सिंह की सगाई चार साल पहले अमरकोट निवासी केसर कंवर के साथ तय हुई थी। लंबे प्रयासों के बाद 18 फरवरी को दुल्हे समेत अन्य परिवार के सदस्यों का वीजा क्लीयर हुआ था। इन्हें अटारी बॉर्डर के रास्ते 24 अप्रेल को पाकिस्तान जाना था, लेकिन पहलगाम हमले के बाद इन्हें रोक दिया। इन्हें 12 मई 2025 तक वीजा मिला था।
दिल टूट गया… फैसले के साथ हूं- दूल्हा
दुल्हे शैतान सिंह ने पत्रिका की बातचीत में बताया कि अब क्या कहूं..खुशी गम में बदल गई है और मेरा तो दिल टूट गया है। हमारी रिश्तेदारी पहले से हैं। आतंकवादियों ने जो कुछ किया, वह गलत है। अब सरकार ने जो फैसला लिया है, उसके साथ हूं। शादी अटक गई है, काफी हताश हूं।
अमरकोट से गहरा संबंध
अब तक मारवाड़ क्षेत्र में हुई शादियों में पाकिस्तान के अमरकोट और छाछरो से ही बेटियां यहां आई है। जिले के राजपूत, चारण, मेघवाल, मुस्लिम समाज के इन बेटियों ने भारत में घर बसाए है। बाड़मेर-जैसलमेर जिले में काफी शादियां हुई है। कई परिवार भारत आकर बेटियों की शादी करते है तो कुछ परिवार पाकिस्तान बारात लेकर जाते है।