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बड़वानी

नहीं रहे जूना अखाड़े के बाबा महेश गिरी, प्रयागराज महाकुंभ से वापसी के दौरान ली आखरी सांसें

Prayagraj Mahakumbh 2025: मध्य प्रदेश में नर्मदा परिक्रमा करने वाले जूना अखाड़े के बाबा महेश गिरी का प्रयागराज महाकुंभ से वापस आते समय निधन हो गया।

बड़वानीFeb 10, 2025 / 03:38 pm

Akash Dewani

Baba Mahesh Giri of Juna Akhara breathed his last while returning from Prayagraj Mahakumbh 2025 in barwani mp
Prayagraj Mahakumbh 2025: मध्य प्रदेश के संत समाज के लिए प्रयागराज महाकुंभ से बुरी खबर सामने आई है। बड़वानी के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में नर्मदा परिक्रमा वासियों की सेवा करने वाले बाबा महेश गिरी का शनिवार को निधन हो गया। प्रयागराज महाकुंभ से वापस आते समय उनकी तबियत बिगड़ी थी। उन्हें इंदौर के एमवाई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां, इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
रविवार को बाबा महेश गिरी की बड़वानी में शवयात्रा निकाली गई। रोहिणी तीर्थ स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान क्षेत्र के विधायक राजन मंडलोई सहित सैकड़ों की तादाद में भक्त मुक्तिधाम और शवयात्रा में मौजूद रहे।
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लंबे समय से कर रहे थे नर्मदा परिक्रमा

बाबा महेश गिरी को नर्मदा परिक्रमा करने के लिए जाना जाता था। वह लंबे समय से ये कार्य कर रहे थे। नर्मदा परिक्रमा के दौरान वह कई बार बड़वानी के मंदिर में रुका करते थे। यहां वह नर्मदा परिक्रमा वासियों की सेवा भी किया करते थे। जानकारों के अनुसार, वह 25 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए गए थे। वह से वापसी के दौरान उन्हें हार्ट संबंधित परेशानी हुई और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
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जूना अखाड़े से ताल्लुक रखते थे बाबा महेश गिरी

बता दें कि, बाबा महेश गिरी वाराणसी के जूना अखाड़े के साधु थे। वह पिछले दो साल से नर्मदा परिक्रमा के कारण बड़वानी में रुके हुए थे। इस बार बाबा ने दंडवत परिक्रमा का संकल्प लिया था। वह बड़वानी से आगे निकलकर तोरणमाल तक पहुंच गए थे, लेकिन एक हाथ फ्रेक्चर होने के कारण वह वापस बड़वानी आ गए थे।

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