थानाधिकारी भरत महर ने बताया कि रितेश मीना (12) पुत्र रमेश मीना निवासी ग्राम महाराजपुरा बड़ी बहन पायल (15) के साथ बकरियां चराने गया था। तभी वह भैंरूजी मंदिर के पास तालाब की सीढ़ियों से नहाने के पानी में उतरा। लेकिन पैर फिसलने के कारण वह गहरे पानी में चला गया। भाई को पानी में डूबता हुआ देखकर बड़ी बहन पायल रोते हुए परिजनों को बुलाने के लिए दौड़ पड़ी। जब परिजन मौके पर पहुंचे तो वहां पर मौजूद ग्रामीणों की भीड़ लग गई। तभी वहां मौजूद युवा बालक को तालाब में ढूंढने उतर गए। युवाओं की काफी कोशिश के बाद भी बालक नहीं मिला।
बाद में युवाओं ने रस्सी के सहारे एक-दूसरे को सहारा बनाते हुए गहरे पानी में ढूंढा तो बालक मिल गया। ग्रामीण व परिजन बालक को चाकसू सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोटखावदा थानाधिकारी भरत महर भी पहुंचे।
पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। घटना की जानकारी लगते ही घर-परिवार में कोहराम मच गया है। गांव में शोक सा छा गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार मृतक बालक रितेश के घर और तालाब के बीच की दूरी लगभग 300 मीटर है। परिजन घटना की जानकारी लगते ही दौड़कर मौके पर पहुंचे लेकिन गहरा पानी होने के कारण अपने लाल को नहीं बचा पाए।
दो बहनों का इकलौता भाई था
मृतक रितेश दो बहनों में सबसे छोटा और इकलौता भाई था। हादसे के बाद से ही मां संतरा देवी, पिता रमेश, बहन पायल और गौरी सहित परिजनों के रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के परिजनों को रिश्तेदार और ग्रामीण ढांढस बंधा रहे थे।
….लेकिन भाई को नहीं बचा पाई
बकरियां चराने गई मृतक बालक रितेश की बड़ी बहन पायल जब चिल्लाते हुए घर की तरफ पहुंची तो उसके बड़े ताऊ भगवान साइन मीना (55) व छोटे ताऊ किशन लाल मीना (50) भी तालाब की तरफ दौड़ पड़े और रितेश को बचाने के लिए तालाब में छलांग लगा दी। लेकिन तैरना नहीं आने के कारण ज्यादा आगे नहीं पहुंच पाए। तभी पायल वापस दौड़ती हुई तालाब पहुंच गई और दोनों ताऊ को उसके पास हाथ में मौजूद बड़ी लकड़ी को पकड़वाया। तब दोनों को लकड़ी के सहारे तालाब की सीढ़ियों के पास पहुंच पाए। बालक पायल की सूझबूझ से दोनों की जान बच पाई। वहीं बाद में पहुंचे कैलाश मीना ने गांव के ही तैराक युवाओं को फोन कर बुलाया और तालाब से रितेश को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने रितेश को मृत घोषित कर दिया।