प्रवेशोत्सव के दौरान 15 जुलाई तक प्रत्येक गांव में नामांकन रैली निकाली जाएगी। प्रवेशोत्सव को लेकर स्कूल शिक्षा परिषद ने गाइड लाइन भी जारी की है। उसी में यह तरीके बताए गए हैं। नामांकन वृद्धि, अनामांकित एवं ड्रॉप आउट बालक-बालिकाओं के नामांकन एवं ठहराव के लिए किए गए कार्य की मॉनिटरिंग सीबीईओ कार्यालय करेगा।
ब्लॉक स्तर पर शहरी क्षेत्रों में निर्वाचक नामावली के साथ-साथ बस स्टैण्ड, प्रमुख धार्मिक स्थलों, चौराहों, निर्माणाधीन भवन, बेघर, घूमन्तु, मौसमी पलायन एवं कच्ची बस्ती के परिवारों का भी सर्वे किया जाएगा। सर्वे में 3 से 18 वर्ष की आयु के बालक-बालिकाओं को चिन्हित एवं सूचीबद्ध किया जाएगा। जबकि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में वार्डवार एवं क्षेत्रवार चिन्हित बालक-बालिकाओं को शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि की जाएगी।
नामांकन बढ़ाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच, पंच, पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधयों, आंगनबाड़ी की महिला कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से ग्राम सभा में प्रवेशोत्सव अभियान का आयोजन कर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को एजेण्डे के रूप में शामिल किया जाएगा। एसएमसी व एसडीएमसी की बैठकों में सभी सदस्यों एवं अभिभावकों को अपने बच्चों का राजकीय विद्यालयों में नामांकन बनाए रखने एवं अन्य अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में नामांकन के लिए प्रेरित करने पर चर्चा की जाएगी।
प्रवेशोत्सव के दौरान बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा। साथ ही नए बच्चों के प्रवेश लेने पर स्कूलों के दरवाजों पर सजावट की जाएगी, ताकि पहले ही दिन बालक-बालिकाओं को सकारात्मक ऊर्जा मिले। शिक्षक भी अभिभावकों से मिलकर सरकारी स्कूलों में मिल रही सुविधाओं व मिड डे मील सहित अन्य योजनाओं के बारे में बताकर बालकों का सरकारी स्कूलों में नामांकन कराने के लिए प्रेरित करेंगे।