दो बोतल खून चढ़ाना पड़ा
बच्ची का मेडिकल परीक्षण करने वाली डॉ. सीमा पंत ने बताया कि बच्ची की हालत अत्यंत नाजुक थी। उसे दो बोतल खून चढ़ाना पड़ा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षक डॉ. शुभांकर ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गहरे घाव थे, जिसके कारण अत्यधिक रक्तस्राव हुआ। बच्ची इतनी सहमी हुई थी कि वह महिला डॉक्टर को भी छूने नहीं दे रही थी, इसलिए उसे बेहोश कर उपचार किया गया।
दादी के पास से उठा ले गया पड़ोस के गांव का युवक
बताया जा रहा है कि बच्ची अपनी दादी के साथ घर में सो रही थी, जब रात के समय पड़ोस के गांव के एक युवक ने उसे उठा लिया। आरोपी उसे घर से एक किलोमीटर दूर अबरना पुल के पास जंगल में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची को लहूलुहान हालत में देखकर आरोपी उसे घटनास्थल पर छोड़कर भाग गया। परिजनों ने बच्ची को खोजते हुए जब वहां पहुंचे, तो वह बिना कपड़ों के, खून से लथपथ और बेहोशी की हालत में थी। परिजनों में कोहराम मच गया और वे तुरंत बच्ची को अस्पताल ले गए।
पुलिस ने अब तक क्या किया?
घटना की सूचना मिलते ही सीओ अशोक मिश्रा और सुरियावां कोतवाल अजीत श्रीवास्तव ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डॉग स्क्वायड की मदद से जांच शुरू की गई। घटनास्थल से 100 मीटर पहले एक मोबाइल और चप्पल भी बरामद हुई। एसपी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि मामले में चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
लोगों में फैला आक्रोश
इस घटना ने बच्ची के परिवार और पूरे गांव में सदमे की लहर पैदा कर दी है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश में ये किसी मासूम बच्ची से बलात्कार का पहला मामला नहीं है। हाल के महीनों में दस साल से कम उम्र की मासूम बच्चियों से बलात्कार के कई मामले अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं। ये घटनाएं उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल हैं।