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भरतपुर

असम में राजस्थान के वायुसेना जवान की मृत्यु, भरतपुर के गांव बैलारा में दी गई अंतिम विदाई, 5 मई को हुई थी शादी

Bharatpur News : भरतपुर के नदबई क्षेत्र के गांव बैलारा में भारतीय वायुसेना के जवान सौरभ फौजदार को सोमवार को अंतिम विदाई दी गई। गांव की हर गली, हर कोना मातम और सन्नाटे में डूब था। सौरभ फौजदार का हाल ही में 5 मई को विवाह हुआ था। पढ़ें एक दर्दनाक कहानी।

भरतपुरJun 17, 2025 / 11:12 am

Sanjay Kumar Srivastava

Assam Rajasthan Air Force soldier Saurabh Faujdar died last rites Belara village Bharatpur 5 May marriage

एयरफोर्स जवान सौरभ फौजदार को सोमवार को अंतिम विदाई दी गई।। फोटो पत्रिका

Bharatpur News : भरतपुर के नदबई क्षेत्र के गांव बैलारा में सोमवार का दिन कभी न भूलने वाला बन गया। गांव का वीर सपूत और भारतीय वायुसेना का जवान सौरभ फौजदार अब इस दुनिया में नहीं रहे। असम के कुंभी ग्राम स्थित एयरफोर्स बेस पर ड्यूटी के दौरान सौरभ का आकस्मिक निधन हो गया। जैसे ही यह खबर गांव पहुंची, एक सुखद और खुशहाल परिवार पल भर में शोक-सागर में डूब गया। गांव की हर गली, हर कोना मातम और सन्नाटे में डूब गया।

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नारों से आसमान गूंज उठा

सोमवार को जब सौरभ का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो तिरंगे में लिपटे उनके शव को देखकर पूरा गांव फूट-फूट कर रो पड़ा। गांव के नौजवानों से लेकर बुजुर्गों तक, हर शख्स अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। ‘‘भारत माता की जय’’ और ‘‘सौरभ अमर रहे’’ के नारों से आसमान गूंज उठा, लेकिन इन नारों के बीच भी लोगों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

मां की चीखों से गूंज उठा आंगन, बेटे को निहारते रहे पिता

सौरभ अपने पीछे अपनी नवविवाहिता पत्नी, माता-पिता, एक छोटा भाई और एक विवाहित बहन को छोड़ गए हैं। जवान बेटे के पार्थिव शरीर को देखकर मां बार-बार बेसुध होती रहीं। कभी ताबूत को छूतीं, तो कभी बेटे की फोटो को सीने से लगाकर दहाड़ मारकर रोतीं। पिता कन्हैया सिंह जो खुद एक किसान हैं, बेटे को निहारते हुए स्तब्ध नजर आए। उनकी आंखें आंसुओं से भरी थीं, लेकिन जैसे आवाज गले में अटक गई हो।

पत्नी की आंखों से झरते रहे सपनों के मोती

सबसे ज्यादा हृदय विदारक दृश्य था सौरभ की पत्नी का। शादी के बंधन में बंधे अभी एक माह ही बीता था। उसकी आंखों में सपने नहीं, केवल आंसू थे। वह कभी ताबूत से लिपट जाती, तो कभी जोर-जोर से रोती कि ‘‘इतना जल्दी कैसे छोड़ दिया सौरभ, पापा मुझे सौरभ लाकर दो उसकी ये चीखें हर किसी का दिल चीर रहीं थीं।

अंतिम दर्शन को उमड़े लोग

सौरभ की अंतिम यात्रा में नदबई ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों से भी हजारों लोग पहुंचे। अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि सौरभ सिर्फ अपने परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र का बेटा था। वायुसेना की एक टीम ने उन्हें सलामी दी और राजकीय समान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। वही वायुसेना के अधिकारियों सहित नदबई सीओ अमरसिंह राठौड़ एवं विधायक जगत की तरफ से निजी सचिव सतेंद्र उर्फ गुड्डू ने पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी। जैसे ही शवयात्रा गांव की गलियों से निकली, हर गली गूंज उठी।
Air Force soldier Saurabh Faujdar died
एयरफोर्स जवान से राष्ट्रीय ध्वज ग्रहण करते परिजन। फोटो पत्रिका

मौत के कारणों की जांच जारी

फिलहाल वायुसेना के अधिकारियों ने बताया है कि सौरभ की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें चोट कैसे और किन हालात में आई। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक जानकारी सामने आ सकेगी। सौरभ की शहादत ने गांव को झकझोर दिया है।

5 मई को हुई थी शादी

सौरभ फौजदार का हाल ही में 5 मई को विवाह हुआ था। परिवार और रिश्तेदारों के बीच यह दिन एक उत्सव की तरह मनाया गया था। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह खुशियां कुछ ही दिनों की मेहमान होंगी। शादी के बाद 22 मई को वे वापस अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे। परिजनों और पत्नी से विदा लेते वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि यह मुलाकात आखिरी होगी। परिवार को शनिवार को वायुसेना की ओर से फोन पर सूचना मिली कि सौरभ को ड्यूटी के दौरान गंभीर चोट आई है और इलाज जारी है। यह सुनकर पिता तुरंत असम के लिए रवाना हो गए, लेकिन उसके बाद ही सोमवार सुबह उनका पार्थिव शरीर गांव भेज दिया गया।

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