दोनों बच्चों का इलाज कराने आए नगला तुला निवासी सोहन सिंह चोबदार ने बताया कि वो और उनकी पत्नी घरेलू कामों में व्यस्त थे। उनके बड़े भाई पूरन सिंह बीमार चल रहे हैं, जिनके इलाज के लिए डॉक्टरों ने नींद की गोलियां दी हुई हैं। दवाइयों को कमरे में बिस्तर पर तकिए के नीचे रखा हुआ था। इसी बीच घर में खेलते समय सोहन सिंह के बेटे ढाई साल के कार्तिक और डेढ़ वर्षीय बेटी कीर्ति ने अपने ताऊ के बिस्तर पर रखी दवाइयां उत्सुकतावश उठा लीं।
बच्चों ने नींद की गोलियों के रैपर खोल चार-पांच गोलियां गटक लीं। गोलियों के असर से बच्चे गहरी नींद के आगोश में समा गए। बच्चों को अचानक बेसुध होकर सोते हुए देख पास में गोलियों के खाली रैफर पड़े पाकर परिजनों को गोलियां खाने का शक हुआ। इसके बाद परिजन दोनों बच्चों को लेकर बयाना के सरकारी अस्पताल पहुंचे। बयाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉक्टर जोगेन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि बच्चों का उपचार किया जा रहा है और उनकी हालत सामान्य है।