एसएसपी विजय अग्लवाल ने पत्रवार्ता में जो खुलासा किया, वह चौकाने वाला है। उन्होंने बताया कि आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग हैं, जो एक महीने पहले चौहान टाउन में किराए का फ्लैट लेकर इस कारोबार को संचालित कर रहे थे। मास्टरमाइंट अर्जुन शर्मा होटल में रहता था। पकड़े जाने पर जब पूछताछ हुई तो आरोपियों ने स्वीकार किया कि 6 महीने से
ठगी का कारोबार कर रहे थे। इसके पहले दिल्ली और फरीदाबाद में इस ठगी के कारोबार को करते थे।
25-25 हजार रुपए पर रखा था युवक-युवतियों को फर्राटेदार अंग्रेजी और कंप्यूटर के जानकार को रखता था काम पर पुलिस ने बताया कि अर्जुन ने जितने बेरोजगारों को रोजगार दिया वे ग्रेजुएट और पीडीटीसीए और बीसीए करने वाले छात्र थे, जो रोजगार की तलाश में भटक रहे थे। उनका इंटरब्यू कर जो फर्राटेदार अंग्रेजी और कंप्यूटर का जानकार थे, उन्हें 25 हजार रुपए की सेलरी पर रखा। इसके बाद एक महीने से भिलाई में साइबर ठगी शुरू कर दिया।
गर्लफ्रेंड रहती है भिलाई में एसएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि आरोपी अर्जुन शर्मा फरीदाबाद में अपने दोस्त के साथ ठगी करता था। दिल्ली और फरीदाबाद की पुलिस ने छापेमारी की तो वहां से बचकर भाग निकले। फिर अर्जुन ने अपना स्वयं का सेटअप तैयार किया। पहले तो उसने गुगल पर सुरक्षित जगह को सर्च किया। उसे मिनी इंडिया भिलाई की जानकारी मिली। फिर उसने भिलाई में रहने वाली अपनी गर्लफ्रैंड से शहर के बारे में पूरा जानकारी ली। उसके बाद भिलाई आया और प्लेसमेंट के आधार पर छत्तीसगढ़ से बाहर के बेरोजगार युवक और युवतियों को जॉब दिया।
आरोपी मुकेश नाथ, संतोष थापा, विवेक देव, विशाल कर, अनिश आर्यन, अमित कुमार सिंग, पियाली देव और रिया राय को मास्टर माइंड अर्जुन शर्मा ने 25-25 हजार रुपए वेतन पर रखा था। उनसे अमेरिका और कनाडा के लोगों के लैपटप में वायरस और बग डालवाता था। फिर वायरस हटाने के नाम पर उनसे 80 से 200 डालर वसूली करते थे। अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में अन्य आरोपियों के शामिल होने की तफ्तीश की जा रही है।
-विजय अग्रवाल, एसएसपी दुर्ग