उधर, दिन का अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री दर्ज हुआ, जबकि न्यूतनम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम को हुई बारिश में 12 मिमी पानी बरसा। इस बारिश ने तेज गर्मी से बड़ा राहत पहुंचाई। शाम को करीब 6 बजे तक तापमान लुढ़ककर 29 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
जोरदार बादल भी गरजे, जिससे घबराकर लोगों ने सुरक्षित जगहों पर पनाह लेने में ही समझदारी समझी। इससे पहले मौसम विभाग ने सोमवार को ही बता दिया था कि दुर्ग जिले का मौसम बदलने वाला है। मंगलवार से तेज तूफान और बारिश की चेतावनी जारी की गई थी।
मौसम विभाग के विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने कहा है कि, बुधवार से दुर्ग जिले में तूफान और बारिश होने का क्रम और तेज होगा। शाम के समय 40 से 60 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिसके बाद कुछ जगहों पर ओलावृष्टि और तेज बारिश की भी संभावना है। इसके अलावा अगले 24 घंटों में तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। तापमान में 2 से 4 डिग्री की गिरावट आ सकती है।
Monsoon 2025: प्रदेश में सबसे गर्म रहा दुर्ग
मौसम विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को दुर्ग जिला प्रदेश में सबसे अधिक गर्म रहा। वहीं सबसे न्यूनतम तापमान अंबिकापुर में 23.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रायपुर का तापमान 41.4 डिग्री रहा, वहीं बिलासपुर में दिन का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हालांकि दुर्ग जिले का न्यूनतम तापमान अन्य जिलों के मुकाबले कम रहा। Monsoon 2025: तय समय पर रहेगा मानसून
अभी हो रही बारिश प्री-मानसून का एक रूप है। दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ते हुए दक्षिण अरब सागर, मालदीव के कुछ भाग, कोमरान क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर तक पहुंचेगा। मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।
इसके अलावा एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है। इसके अलावा ऊपरी हवा का साइक्लोन तैयार है। उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ते हुए 24 मई को और ज्यादा प्रबल होकर मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने की संभावना है।
इस साल 25 मई से शुरू होगी नौतपा
इस साल नौतपा की शुरुआत 25 मई से होगी, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। यह अवधि नौ दिनों तक चलेगी और इसका समापन 8 जून को होगा, जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। वैसे तो नौतपा के शुरुआती 9 दिन सबसे गरम होते हैं, लेकिन ये 15 दिन की अवधि होती है, जिसमें सबसे अधिक भीषण गर्मी पड़ती है। यह नौ दिन प्रकृति के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है, क्योंकि इस दौरान धरती सूर्य की तेज ऊष्मा को अवशोषित करती है, जो आगे चलकर मानसून के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है। ऑरेंज अलर्ट में आया दुर्ग
मौसम विभाग ने दुर्ग जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि अगले 48 घंटों में मौसम बार-बार बदल सकता है। तेज हवाओं के साथ अधिकतर स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बन रही है। अगले दो तीन दिनों के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों और मालदीब के अधिकतर भाग से मानसून आगे बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से
छत्तीसगढ़ में भी मौसम बदलेगा। यह प्री-मानसून की बारिश का दौर अभी जारी रहने के संकेत दिए गए हैं।