राज्य आपदा प्रबंधन योजना की डाटा के मुताबिक
छत्तीसगढ़ में दस साल में 2201 लोगों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हुई है। वहीं 8 हजार से अधिक पशुधन ने गाज गिरने से दम तोड़ा है। दुर्ग जिले भी आकाशीय बिजली (गाज) गिरने से 2010 से 2020 के दौरान 45 लोगों ने जान गंवाई है। 6 मवेशियों की बिजली गिरने से मौत हुई है।
जानकारों का कहना है कि ऐसे प्राकृतिक आपदा के समय जनहानि को रोकने, तड़ित चालक की जरूरत होती है। नगर निगम भिलाई के पार्षद इंजीनियर सलमान ने बताया कि भिलाई के महापौर नीरज पाल और निगम आयुक्त राजीव कुमार पांडेय को इस दिशा ठोस पहल करने के लिए पत्र लिखा है। जिसमें मांग की है कि सरकारी भवन और स्कूलों में तड़ित चालक लगवाया जाए।
एक तड़ित चालक लगभग 107 मीटर की त्रिज्या को कवर करता है। निगमों के सभी स्कूल भवन (स्कूल निजी और सरकारी सभी) में तड़ित चालक अनिवार्य करना होगा। शहर की हाईराइस बिल्डिंग, होटलों में भी भवन पूर्णता पत्र देने से पहले तड़ित चालक लगाया गया है या नहीं इसे अनिवार्य तौर पर जांच करना चाहिए।
जिला जन हानि पशु हानि सरगुजा 240 833 बलरामपुर 216 608 जशपुर 201 549 कोरिया 200 691 दुर्ग 45 6 नारायणपुर 5 494 तड़ित चालक है सुरक्षा का अचूक उपाय
भवनों को आकाशीय बिजली के सीधे आघात से बचाने के लिए बेंजामिन फ्रैंकलिन से विकसित तड़ित चालक को श्रेष्ठ माना गया है। लोहे की एक छड़, जिसका उपरी सिरा भाले की भांति नुकीला होता है। यह भवन के काफी उपर तक निकला रहता है। भवन के पार्शव से होता हुआ भूमि के अंदर काफी गहराई तक गड़ा रहता है। निचला सिरा भूमि में ताबे की एक पट्टिका में लगा होता है। यह तड़ित चालक बादल में विद्यामान तड़ित के लिए न्यूनतम प्रतिरोध का मार्ग ही नहीं प्रशस्त करता बल्कि यह भवन पर उत्पन्न प्रेरित विद्युदावेशों को तत्काल पृथ्वी के अंदर पहुंचा देता है।
तड़ित चालक अनिवार्य करने की जरूरत बरसात के मौसम में आसमानी बिजली गिरने की घटना अधिक होती है। आम लोग और पशुधन को सुरक्षित रखने के लिए जिला के हर ऊंची बिल्डिंग, सरकारी भवन, स्कूल, होटलों में तड़ित चालक अनिवार्य करने की जरूरत है।
-नागेंद्र कुमार सिंह, जिला अग्निशमन अधिकारी,