यह भी पढ़ें:
NEET Counseling: छात्र की चमकी किस्मत, एक सीट बना वरदान, 595 नीट स्कोर पर रायपुर में हुआ एडमिशन इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पेपर लीक नहीं होगा। हाइब्रिड मोड होने के कारण पेपर ट्रेवल नहीं करता और लीक पर लगाम लगाई जा सकती है। हाईब्रिड मोड से एग्जाम कराने के दौरान क्वेशचंस पेपर ठीक 10 मिनट पहले सर्वर में आता है। फिलहाल, आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई की मेंस और एडवांस
परीक्षा में हाईब्रिड सिस्टम का उपयोग किया जाता है। अब ऐसा ही पैटर्न नीट-2025 में भी अपनाया जाना है।
बालोद में छात्रों ने दी थी दोबारा परीक्षा
पिछले साल पेपर लीक का असर
छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिला था। पेपर लीक के खुलासे के बाद 23 जून को नीट की दोबारा परीक्षा हुई थी। इसमें देशभर में 1563 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बालोद में लगभग 600 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। नीट में हाईब्रिड मोड लाने का भिलाई-दुर्ग के कोचिंग संचालकों ने स्वागत किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, इस कोशिश के जरिए नीट के अभ्यर्थियों के बीच पारदर्शिता बनी रहेगी। उन्हें बार-बार पेपर के कैंसल होने या फिर दोबारा पेपर देने जैसी समस्याएं नहीं आएंगी।