स्थानीय लोगों ने बताया कि बीएसपी नगर सेवाएं में बिजली विभाग के अधिकारी आम लोगों का फोन नहीं उठाते हैं। इस बात से लोग खासे नाराज हैं। टीडीएस विभाग का फोन हमेशा इंगेज बताता है। इससे स्पष्ट है कि लोगों से बात करना ही विभाग के अधिकारी नहीं चाहते हैं।
सेक्टर 7 में करीब 30 हजार लोग बीएसपी और अन्य आवासों में रहते हैं। यहां बिजली गुल होने से गर्मी की वजह से लोग पूरी रात जागते रहे। वे इस दौरान बीएसपी के अधिकारियों व हेल्प लाइन में फोन लगा रहे थे। कहीं भी कोई फोन नहीं उठा रहा था। इससे लोग नाराज हुए कि बिजली का बिल वे जमा कर रहे हैं। ऐसे में शिकायत करने फोन करें, तो कम से कम फोन उठाने की परंपरा तो रहनी चाहिए। बीएसपी के अधिकारी फोन नहीं उठाते, यह शिकायत पहले भी आ चुकी है। इस मामले को लेकर प्रतिनिधि मंडल सीजीएम से मुलाकात भी की।
हर दिन काटी जा रही है बिजली
शिकायत करने पहुंचे लोगों को नगर सेवाएं विभाग के बाहर ही रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि हर दिन बिजली गुल हो रही है। पिछले दो माह से इसको लेकर शिकायत करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारी फोन उठाने को तैयार नहीं है। इसके लिए बीएसपी प्रबंधन अलग से नंबर जारी करे, जिसमें 24 घंटे एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए। रात में बिजली गुल हो, तो कोई किससे शिकायत करे। बीएसपी के विद्युत विभाग द्वारा शिकायत दर्ज नहीं करने और फोन नहीं उठाने पर सेक्टर 7 के रहवासियों में जमकर नाराजगी देखी गई। साथ ही बीएसपी प्रबंधन के प्रति आक्रोश भी जताया।
सीजीएम से मिला प्रतिनिधि मंडल
नगर सेवाएं विभाग के सीजीएम बुधवार को सेक्टर 7 से एक प्रतिनिधि मंडल मिलने पहुंचा। यहां उन्होंने सीजीएम को बताया कि किस तरह से हर दिन बिजली गुल हो रही है। इसके साथ-साथ गर्मी के दिनों में पूरी रात बिजली गुल रहने से बच्चों और बुजुर्गों को किस तरह से परेशानी हुई। मुख्य महाप्रबंधन ने सेक्टर 7 के रहवासियों को भरोसा दिलाया कि इन शिकायतों को दूर किया जाएगा। पुराने हो चुके ट्रांसफार्मर को बदला जाए। अघोषित बिजली कटौती से लोगों को राहत मिले। सीजीएम से मिलने वालों में नगर निगम,
भिलाई के एमआईसी सदस्य लक्ष्मीपति राजू, विनोद शुक्ला, अब्दुल राजिक, सुनील, रामा राव, अमरदीप और जनार्दन शामिल हैं।
कई कर्मचारी नहीं जा पाए ड्यूटी
बीएसपी के कुछ कर्मियों ने बताया कि रात में खाने की मेज पर खाना आधा खाए थे और बिजली गुल हुई, तो खाना वैसे ही सुबह तक रखा रहा। रातभर जागने के बाद सुबह पहली पाली ड्यूटी जाना था, लेकिन नहीं जा सके। विभाग को यह जानकारी है, कि कर्मचारी रात में सो रहा है, तो सुबह ड्यूटी जाएगा। इसकी भी चिंता नहीं है। प्लांट के भीतर की नौकरी करने के लिए ऐसे अधिकारियों को भेजना चाहिए। करीब 5 से अधिक लोगों ने बताया कि वे ड्यूटी नहीं गए हैं। लो ओल्टेज की समस्या लोगों ने बताया कि लो ओल्टेज की समस्या भी बढ़ गई है। इस वजह से कूलर तक नहीं चलता। गर्मी में कम से कम कूलर चले, इतना तो ओल्टेज रहना ही चाहिए। इसकी वजह से बच्चे और बुजुर्ग लोग बीमार पड़ रहे हैं। प्रबंधन किसी का सुनने को तैयार नहीं है। इस तरह के हालात इसके पहले कभी भी नहीं रहे हैं। अधिकारी कम से कम लोगों की बात तो सुनते ही थे। बात नहीं सुनी जाने पर कर्मचारी काफी नाराज हुए।