कई ने विभाग की आदेश की पालना में छोटे स्तर पर आयोजन किए। शिक्षा विभाग ने 10 से 25 जनवरी के बीच वार्षिकोत्सव कराने के आदेश जारी किए। इसकी जानकारी पोर्टल पर भी दी जानी थी। विद्यालयों ने आयोजन के बाद पोर्टल पर सूचना अपलोड तक नहीं की। आयोजन की तय तिथि के पांच दिन बाद भी स्कूलों में वार्षिकोत्सव की धूम मची रही। इस बार इन वार्षिकोत्सव को राजस्थान राज्य वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट में शामिल कर विशेष तौर पर आयोजन के निर्देश दिए गए।
शिक्षा विभाग के पास भी वार्षिकोत्सव आयोजन को लेकर पुख्ता जानकारी नहीं है। कार्यक्रमों में भामाशाह व दानदाताओं के अलावा बोर्ड परीक्षाओं व अन्य गतिविधियों में श्रेष्ठ रहने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने और 10 से 25 जनवरी के बीच कराने के निर्देश थे। आयोजन के बाद संबंधित सूचना की प्रविष्ठि शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड़ किए जाने के निर्देश थे। इसकी पालना कुछ स्कूलों ने ही की है।
भामाशाहों के माध्यम से कराएं स्कूल विकास सरकारी स्कूलों में व्याप्त कमियों और भौतिक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए भामाशाह को प्रेरित कर स्कूल का विकास करने के निर्देश हैं। स्कूल में सहयोग दे चुके भामाशाहों को भी सम्मानित करना था। इसके अलावा नए भामाशाहों से सहयोग की घोषणाएं भी वार्षिकोत्सव में होनी थी। लेकिन ऐसा बहुत कम जगह पर हुआ है।
यह भी है कारण वार्षिकोत्सव के बाद कई विद्यार्थी विद्यालय नहीं आते हैं। इसका असर परीक्षा परिणाम पर आता है। ऐसे में कई विद्यालयों में आयोजन को लेकर रस्म अदायगी कर दी गई। विदाई समारोह का आयोजन होगा, तब बड़ा आयोजन किया जाएगा। जिन विद्यार्थियों को प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिला वो इस मौके पर प्रतिभा दिखा सकेंगे।
पोर्टल पर नहीं कर पाए अपलोड वार्षिकोत्सव 10 से 25 तक कराने के निर्देश जारी किए थे। कई स्कूलों में अभी भी आयोजन कराए जा रहे हैं। सभी को पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड़ करना अनिवार्य है।
डॉ. रामेश्वर जीनगर, सीबीईओ ,सुवाणा