खनिज उद्योग संघ गंगापुर के अध्यक्ष शेषकरण शर्मा ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में मिनरल उद्योग अत्यधिक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। केंद्र सरकार ने बैराइट्स, क्वार्ट्ज-फेल्सपार व अभ्रक को मेजर मिनरल में करने से अब खदान व ग्राइंडिंग यूनिट को चलाना मुश्किल होगा। प्रदेश के मिनरल उद्योग व्यवसाय को जिंदा रखने के लिए सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए। सभी उद्यमियों को अब एक जुट होना होगा।
क्वार्ट्ज-फेल्सपार के साथ जुड़े हैं कई महत्वपूर्ण मिनरल क्वार्ट्ज-फेल्सपार व अभ्रक पेग्माटाइट चट्टानों में पाए जाते हैं। जो महत्वपूर्ण खनिज बेरिल, लिथियम, नियोबियम, टैंटालम, मोलिब्डेनम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इन खनिजों का ऊर्जा संक्रमण, अंतरिक्ष यान उद्योग, स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका है। क्वार्ट्ज-फेल्सपार व अभ्रक के पट्टे माइनर खनिज के रूप में दिए जाते है। पट्टा धारक महत्वपूर्ण खनिज की घोषणा नहीं करते हैं या इसके साथ जुड़े खनिज लिथियम, बेरिल को नहीं निकालते हैं। क्वार्ट्ज-फेल्सपार का उपयोग निर्माण, कांच या सिरेमिक बनाने के लिए काम में लिया जाता है। नतीजतन, इन खनिजों के साथ जुड़े महत्वपूर्ण खनिज का न तो खनन हो रहा है और न ही उनकी रिपोर्ट की जाती है।
इवी में इस्तेमाल होती है बैटरी लिथियम एक अलौह धातु है। इसका मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग होता है। इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों व घड़ियों के लिए भी किया जाता है। इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। देश में सबसे ज्यादा लिथियम ऑयन बैटरी का आयात होता है।
इनके हैं कई उपयोग बैराइट के कई औद्योगिक उपयोग हैं। इनका उपयोग तेल, गैस ड्रिलिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, टीवी स्क्रीन, रबर, कांच, सिरेमिक, पेंट, विकिरण परिक्षण और चिकित्सा के लिए किया जाता है। बैराइट का उपयोग अस्पतालों, बिजली संयंत्रों व प्रयोगशालाओं में एक्स-रे उत्सर्जन को रोकने के लिए किया जाता है। बैराइट अक्सर चूना पत्थर और डोलोस्टोन में कंक्रीट के रूप में किया जाता है।
नागौर कर सकता चीन का अधिकार खत्म नागौर के डेगाना में लिथियम व टंगस्टन का भंडार है। रेवंत की डूंगरी पर जीएसआई के सर्वे में लिथियम का भंडार मिले हैं। यहां इतना भंडार है कि यह भारत की कुल मांग की 80 प्रतिशत की आपूर्ति कर सकता है। इससे लिथियम पर चीन का एकाधिकार खत्म हो सकता है। लिथियम भंडारण के मामले में भारत से आगे बोलिविया, अर्जेंटीना, अमेरिका, चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन हैं।