ऐसे होती है खेती स्ट्रॉबेरी के पौध को ड्रिप व मल्चिंग पर उगाया जाता है। इसकी रोपाई सितंबर-अक्टूबर में होती है। यह दिसम्बर से मार्च के अंत तक फल देता है। एक हैक्टेयर में स्ट्रॉबेरी लगाने से कम से कम 2 से 3 लाख का मुनाफा किसानों को हो रहा है। इसका पौधा 10 से 15 रुपए के बीच पड़ता है। इसे तैयार करने का काम गंगरार के किसान कर रहा है। करीब 50 से 70 बीघा में हर साल बड़ी संख्या में पौधे तैयार कर भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ में बेचा जाता है। जिले में तैयार फल दिल्ली मंडी में भेजा जाता है। जहां 2 सौ रुपए किलो का भाव मिलता है।
80 हजार तक का अनुदान सरकार ने स्ट्रोबेरी की बगीचे बढ़ाने व किसानों को प्रोत्साहित के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है। एक हैक्टेयर में बगीचे लगाने पर उद्यान विभाग 80 हजार तक का अनुदान देगा। इससे किसानों का रूझान बढ़ा है। अभी जिले में करीब 20 से 25 किसान स्ट्रोबेरी लगा रहे है। दिसम्बर से फरवरी तक स्ट्रॉबेरी की क्यारियां प्लास्टिक शीट से ढंकने से फल एक माह पहले तैयार हो जाते हैं और उपज भी बढ़ जाती है।
कम खर्च में अधिक मुनाफा एक पौधे पर खर्च करीब 15 रुपए आता है। इसे लगाने व अन्य खर्च 10 रुपए प्रति पौधा और लगता है। तीन माह में फसल तैयार होती है। एक हैक्टेयर में दो लाख का खर्चा करने पर 4 से 5 लाख रुपए की आय आसानी से हो जाती है। सरकार ने 10 हैक्टेयर का लक्ष्य दिया है।
– शंकरसिंह राठौड़, उप निदेशक उद्यान विभाग भीलवाड़ा