सरकार से पूछा सवाल
भिंड के गोहद में श्यामकिशोर भारद्वाज को खंड शिक्षा अधिकारी का प्रभार दिए जाने को लेकर पहले ही सवाल उठ चुके हैं। शीतकालीन सत्र में गोहद विधायक केशव देसाई ने इस संबंध में विधानसभा में प्रश्न पूछा था। तब सरकार ने जवाब दिया था कि भारद्वाज को केवल प्रशासनिक अधिकार दिए गए हैं, जबकि डीडीओ पॉवर पुराने अधिकारी के पास हैं।ताप्ती मेगा रिचार्ज प्रोजेक्ट से एमपी के 54 गांवों को डूबने का खतरा
वरिष्ठों की असहमति
गोहद में बीईओ पद की जिम्मेदारी संभालने से इनकार करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल हैं:- रविंद्र सिंह चौहान, प्राचार्य, सीएम राइज शासकीय उत्कृष्ट उमावि गोहद
- उमा सिंघल, प्राचार्य, शाउमावि मालनपुर
- दिलीप कुमार दीक्षित, प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल झांकरी
- अश्विनीकुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल एंचाया
- मिथलेश शर्मा, प्राचार्य, हाईस्कूल पाली-डिरमन
- अरविंद सिंह भदौरिया, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय उमावि खनेता
लहार और मेहगांव में भी यही स्थिति
बड़ामलहरा विधायक सुश्री रामश्री ने भी 24 मार्च को विधानसभा में लहार और मेहगांव में बीईओ का प्रभार उच्च माध्यमिक शिक्षक को सौंपे जाने पर सवाल उठाया। नियमानुसार, बीईओ को डीडीओ पॉवर नहीं दिया जा सकता, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी न लेने की वजह से यहां भी कनिष्ठों को प्रभार देना पड़ा।- कोमल सिंह परिहार, प्राचार्य (वित्तीय अनियमितता के मामले में दोषी)
- जागेश्वरराम निराला, प्राचार्य, हाईस्कूल दबोह
- योगेंद्र कुमार प्रजापति, प्रभारी प्राचार्य, हाईस्कूल रुरई
- भरतशरण तिवारी, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय कन्या हाईस्कूल
- भारत सिंह गौतम, प्राचार्य, हाईस्कूल बरहा
- नरेशपाल, प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल गिरवासा
- आनंद कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, शासकीय कन्या उमावि गोरमी
- कोरनेलियुस खेस्स, प्राचार्य, शासकीय कन्या उमावि मेहगांव
- शिवराज सिंह कुशवाह, व्यायाता, शासकीय बालक उमावि गोरमी
- महेंद्र कुमार दांतरे, प्राचार्य, हाईस्कूल जनरसेना
- गुरुवक्स सिंह कुशवाह, व्यायाता, शासकीय बालक उमावि गोरमी
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क्या सीनियर्स अपनी मर्जी से कर सकते है इंकार ?
जब इस मामले पर एक वरिष्ठ लोक सेवक से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उनसे कभी बीईओ का प्रभार लेने के लिए नहीं कहा गया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब विभाग के आदेश से वे सीएस (क्लस्टर समन्वयक) और प्राचार्य बन सकते हैं, तो बीईओ पद पर उनकी नियुक्ति भी आदेशानुसार होनी चाहिए थी।विधायक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की प्रतिक्रिया
गोहद विधायक केशव देसाई ने इस मामले को गंभीर बताया और कहा,‘कोई लोक सेवक प्रभार लेने से मना कैसे कर सकता है? ऐसे तो वह पढ़ाने भी नहीं आएगा, प्राचार्य और परीक्षा का प्रभार भी लेने से इनकार कर सकता है। शासन ने हमारे प्रश्न का गोलमोल उत्तर दिया है। हम इस गलत परंपरा को रोकने का प्रयास करेंगे और अगले सत्र में फिर से इस मामले को उठाएंगे।’