भोपाल नगर निगम परिषद की 13 दिसंबर को हुई बैठक में अपर आयुक्त निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। बीजेपी और कांग्रेस यानि पक्ष, विपक्ष दोनों ओर के पार्षदों ने उनका विरोध किया। उन पर मुख्य रूप से जन प्रतिनिधियों की बातें नहीं सुनने और मोबाइल कॉल रिसीव नहीं करने के आरोप लगाए थे। दरअसल वे पार्षदों को तवज्जो नहीं देती थीं जिससे सभी लोग नाराज हो उठे।
यह भी पढ़ें: एमपी में बीजेपी के दबंग नेता को किया निष्कासित, प्रदेशाध्यक्ष ने 6 साल के लिए बाहर निकाला भोपाल नगर निगम परिषद में पहली बार किसी आईएएस अफसर के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव पास हुआ था। बीसीएलएल डायरेक्टर और पार्षद मनोज राठौर के ख़िलाफ़ निधि सिंह के सार्वजनिक बयान के कारण नेता गुस्सा उठे और यह प्रस्ताव लाया गया। महापौर मालती राय और नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी समेत सभी पक्ष विपक्ष के सभी पार्षदों ने एकजुट होकर प्रस्ताव पारित किया।
निंदा प्रस्ताव के बाद सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं। ऐसे में मंगलवार को अपर आयुक्त निधि सिंह को भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त का संयुक्त आयुक्त बनाकर ग्वालियर स्थानांतरित कर दिया गया है। 13 जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निधि सिंह का सिंगल आदेश जारी किया गया।
IAS निधि सिंह
1987 में जन्मी निधि सिंह ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। वे 2019 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की अधिकारी थीं। नोएडा की रहने वाली निधि सिंह को एमपी कैडर मिलने के बाद प्रोबेशन पीरियड में राजगढ़ भेजा गया। 2021 में बड़नगर में एसडीएम के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग हुई। यहां सालभर में निधि सिंह का बीजेपी के एक पूर्व विधायक से विवाद हो गया।