अभी तक इंटीग्रेटेड टाउनशिप के केवल इक्का-दुक्का प्रस्ताव ही आए हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप मध्यप्रदेश के शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है। इससे बढ़ती नगरीय जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
20 हेक्टेयर जमीन की अनिवार्यता
इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के तहत नगरीय या प्लानिंग एरिया क्षेत्र में 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों में कॉलोनी विकसित करने के लिए न्यूनतम 10 हेक्टेयर जमीन और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में न्यूनतम 20 हेक्टेयर जमीन की अनिवार्यता है। प्रोजेक्ट भी ऐसी जगह प्रस्तावित होना चाहिए जहां कम से कम 24 मीटर चौंड़ी सड़क उपलब्ध हो। नगरीय निकाय या प्लानिंग एरिया के बाहर इंटीग्रेटेड टाउनशिप 40 हेक्टेयर या उससे अधिक जमीन पर ही विकसित होगी। इतनी बड़ी जमीन पर विकास कार्य बड़े निवेशक ही करा सकते हैं।
प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास संबंधी 72 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। करीब 88 हजार करोड़ की शहरी क्षेत्र से जुड़ी विकास योजनाएं प्रस्तावित है। इनमें निवेश की काफी संभावनाएं हैं।