लोन छिपाने के आरोप में चुनाव को दी गई चुनौती
भाजपा के पराजित प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने याचिका में दावा किया कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर बैंक से लोन लिया गया था, लेकिन इसका उल्लेख उनके नामांकन पत्र में नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हाईकोर्ट इस मामले में दस्तावेजों की जांच कर रही है। ये भी पढ़े- पार्षद के घर हमले को लेकर जीतू यादव के चचेरे भाई का खुलासा, कालरा को पीटकर बनाना था वीडियो
बैंक मैनेजर ने दिया धोखाधड़ी का बयान
हाईकोर्ट ने मामले में एसबीआई अशोक नगर शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर को गवाही के लिए तलब किया था। मैनेजर ने अदालत को बताया कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी सहित अन्य खाताधारकों के नाम पर बैंक के कुछ कर्मचारियों ने मिलीभगत कर धोखाधड़ी से लोन स्वीकृत किया। हालांकि, बैंक रिकॉर्ड में मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर लोन की प्रविष्टि नहीं है और खाते को एनपीए घोषित किया गया है। बैंक मैनेजर ने यह भी खुलासा किया कि उनसे भ्रमित करके रिकवरी लेटर पर हस्ताक्षर कराए गए थे, लेकिन कांग्रेस विधायक और उनकी पत्नी को कोई आधिकारिक रिकवरी लेटर जारी नहीं किया गया। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है। ये भी पढ़े- Road Accident : महाकुंभ जा रहे तीन दोस्तों की दर्दनाक मौत, 3 अस्पताल में भर्ती