जहरीली हुई फसलें, इंसानों में भयावह बीमारी का खतरा बढ़ा
MP News: जलवायु परिवर्तन से खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, क्योंकि इस माहौल में पैदा हुईं फसलों के उपयोग से इंसानी शरीर में कई तरह की भयावह बीमारी पैदा हो रही है।
क्लाइमेट चेंज से फसलें जहरीली (सोर्स: पत्रिका फाइल फोटो)
MP News Farming: जलवायु परिवर्तन से खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ रही है, क्योंकि इस माहौल में पैदा हुईं फसलों के उपयोग से इंसानी शरीर में कई तरह की भयावह बीमारी पैदा हो रही है। वहीं तापमान में वृद्धि, अनियमित वर्षा मिट्टी और पौधों को प्रभावित हो रहे हैं। विश्व जैव विविधता दिवस के अवसर पर पत्रिका ने भारतीय मृदा संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट प्रो. संतोष मोहंती से बातचीत की, जो कई साल से इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन प्रजातियों के वितरण और पारिस्थितिकी तंत्र प्रक्रियाओं को बदलकर वैश्विक जैव विविधता पर बहुआयामी प्रभाव डाल रहा है।
भारतीय मृदा संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट प्रो. संतोष मोहंती( सोर्स: पत्रिका फाइल फोटो) ● गेहूं: ये फसल अपने विकास के नाजुक चरणों में अत्यधिक गर्मी के प्रति संवेदनशील होती है।
● चावल: बाढ़ और पोषक तत्वों की हानि के कारण चावल की फसलें जोखिम का सामना कर रही हैं। ● मक्का और सोयाबीन: ये फसलें सूखे और देर से होने वाली बारिश के प्रति संवेदनशील हैं।
● आलू: रात के समय उच्च तापमान आलू की पैदावार को कम कर देता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
● कुपोषण: आयरन, जिंक और प्रोटीन की कमी शामिल हैं, जिससे एनीमिया, कमजोर विकास और कमजोर प्रतिरक्षा होती है।
कोई भी रोगी जब आता है, तो हम उसे इलाज के साथ पोषक आहार की सलाह देते हैं, लेकिन जब खाद्यान्न सामग्री ही नुकसान करने लगेगी, तब स्वस्थ काया की संकल्पना ही समाप्त हो जाएगी। यदि जलवायु परिवर्तन के कारण ऊपर बताए गए तत्व फसलों से गायब होने लगेंगे, तो हर प्रकार के घातक रोग इंसानी शरीर को घेरने लगेंगे।– डॉ. पूर्वा गोहिया, एसोसिएट प्रोफेसर (गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल)