इनमें से 63 पुलिसकर्मियों को तो भोपाल से रवानगी दे दी गई, लेकिन 97 पुलिसकर्मी 2023 में हुए ट्रांसफर के आदेश के बाद भी भोपाल में 2 साल से जमे हुए हैं। इन्हें मौखिक आदेश पर भोपाल में रोका गया। इसके पीछे कारण बताया गया कि इन पुलिसकर्मियों ने ये आवेदन दिया था कि उन्हें पारिवारिक कारणों से भोपाल से ट्रांसफर न किया जाए जिसके लिए उनके प्रमोशन को भी रोका जा सकता है।
इतने पुलिसकर्मियों के आवेदन के बाद 97 पुलिसकर्मियों को तो रोक लिया गया, लेकिन इस पर आज तक फैसला नहीं हो पाया। इन पुलिसकर्मियों कई महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने ट्रांसफर न करने के लिए आवेदन दिया था। इन पुलिसकर्मियों को प्रमोशन तो दिया गया लेकिन 3 साल बाद भी इस मामले को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर पुलिस मुख्यालय में भी विचार चल रहा है।
भोपाल में पुलिस बल की भी कमी
प्रमोशन के बाद ट्रांसफर हो रहे पुलिसकर्मियों की संख्या से भोपाल के बल पर भी प्रभाव पड़ता। फिलहाल पूरे भोपाल के पुलिस बल को देखे तो इनकी संख्या 5 हजार है जिनमें से थानों में करीब 15 सौ ही बल तैनात है। ऐसे में ट्रांसफर होने से शहर के पुलिस बल पर भी प्रभाव पड़ता। ये भी पढ़ें:
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कार्यवाहक एएसआइ बने पुलिसकर्मियों ने ट्रांसफर रुकवाने के लिए अपने प्रमोशन को रोकने का आवेदन तो दे दिया था लेकिन इसमें सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि इनके प्रमोशन रोककर डिमोट कर दिया गया तो आने वाली सूची में फिर इन पुलिसकर्मियों के नाम आ जाएंगे।
वापसी का दिया आवेदन
जिन पुलिसकर्मियों का 2023 में भोपाल से ट्रांसफर हुआ था अब उन्होंने वापस भोपाल आने का आवेदन दिया है, लेकिन प्रमोशन रोकने से मना किया था जिसके चलते उन्हें ट्रांसफर कर दिया। वहीं मुख्यालय उनके भोपाल वापसी को लेकर भी विचार कर रहा है। भोपाल से उस वक्त पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर क्यों रोके गए। इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन जो आवेदन हमारे पास आए हैं उन्हें लेकर विचार जरूर चल रहा है और जल्द ही फैसला लिया जाएगा। इसे लेकर बैठक में चर्चा की गई थी। रुचि वर्धन मिश्रा, आइजी, प्रशासन विभाग, पीएचक्यू