दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस सरकार का उल्लेख करते हुए कहा,’ जब कमलनाथजी की सरकार बनी थी तो इतना दबाव था तत्कालीन सीएम पर कि परिवहन और राजस्व विभाग गोविंदसिंह राजपूत को दिया जाए। क्यों था, इसको सिंधियाजी बताएंगे या और कोई बताएगा… लेकिन दबाव जरूर था। इसमें चूंकि भ्रष्टाचार का माहौल रहता है इसलिए कमलनाथजी ने बोर्ड गठित कर दिया कि किसकी कहां पोस्टिंग रहेगी लेकिन कांग्रेस सरकार गिरने के बाद शिवराजसिंह सीएम बने तो मेरी जो जानकारी है, उसके अनुसार सिंधिया ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया और तैनाती का पूरा अधिकार तत्कालीन परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत को सौंप दिया।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर परिवहन विभाग गोविंदसिंह राजपूत को देने का दबाव डाला गया। नियुक्तियों के लिए कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था. लेकिन सरकार गिरते ही बोर्ड को खत्म करवा दिया गया। नाके की फिर बोली लगने लगी। जो ज्यादा बोली लगाता था उसे मिलता था।
सबसे ज्यादा जो वसूली करता था उसकी नियुक्ति माननीय मंत्रीजी के यहां से हो जाती थी.. सौरभ शर्मा कहां किसको देता था…सौरभ शर्मा कटर लगाकर पैसे बाटता था।
- गोविंदसिंह राजपूत को कांग्रेस सरकार में दबाव डालकर परिवहन मंत्री बनवाया
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने डाला था दबाव
- तत्कालीन सीएम कमलनाथ पर दबाव डाला
- कांग्रेस सरकार गिरने के बाद मनमानी पोस्टिंग के लिए बोर्ड भंग करवा दिया
– इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि परिवहन विभाग के अंदर किस प्रकार से चेकपोस्ट की नीलामी हो रही थी और कटर वसूली कर रहा था।
– सौरभ शर्मा साधारण सिपाही, क्या ये पूरी संपत्ति उसकी है
या और किसी की है, ये भी जांच का विषय है।
– मेरे पास जो सूचना आ रही है उसमें ये भी है कि पुलिस – प्रशासन ने मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया।
– लोकायुक्त और पुलिस की कारवाई के बीच आयकर विभाग नहीं आता तो शायद कार्रवाई नहीं होती।