जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा की पहाड़ी शाखा में हुए घोटाले से पीड़ित जमाकर्ताओं ने एक बार फिर मऊगंज के कलेक्टर संजय कुमार जैन से अपनी राशि के लिए गुहार लगाई। मामले की सहकारी बैंक मुख्यालय, अपेक्स बैंक में भी फिर शिकायत की गई है। विभागीय जांच में धांधली सामने आने के बाद भी जमाकर्ताओं को उनकी रकम वापस नहीं दी गई है।
करीब 7 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आ चुकी
पहाड़ी शाखा के अंतर्गत विभिन्न सहकारी समितियों में तीन हजार से ज्यादा खाताधारकों द्वारा जमा कराई गई राशि गायब है। तकरीबन साढ़े 3 हजार खाताधारकों द्वारा जमा कराई गई राशि अब उनके बैंक खातों में नहीं है। सहकारी समिति हर्दी, गौरी, देवरा पटेहरा, टटिहरा और हटवा के खाताधारकों द्वारा जमा कराई गई राशि गायब है। इन समितियों में जमा कराई राशि में से करीब 7 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आ चुकी है। पीड़ित जमाकर्ता अपनी जमा राशि वापस पाने के लिए 2 साल से दर-दर भटक रहे हैं। यह भी पढ़ें : एमपी के प्रमुख विभाग में बड़ा फेरबदल, ढाई दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ अफसरों को हटाया खाद्य निरीक्षक अनिल गुप्ता के मुताबिक, सेवा सहकारी समिति हर्दी में 4 करोड़ 50 लाख, गौरी में एक करोड़ 50 लाख, देवरा पटेहरा में 45 लाख, टटिहरा में 35 लाख और हटवा में 16 लाख रुपए की देनदारी बाकी है। विभागीय जांच में यह तथ्य सामने आ चुका है कि संबंधित बैंक खातों में जमाकर्ताओं की रकम है ही नहीं।
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल इस मामले में धरने पर बैठ चुके
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल इस मामले में धरने पर बैठ चुके हैं। उन्होंने पिछले साल 19 जून को डीआर कार्यालय के सामने धरना दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम द्वारा जांच कराई गई जिसके बाद सेवा सहकारी समिति हर्दी के सहायक समिति सेवक राजीव लोचन शुक्ला को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई है। सहकारी समितियों में कई जमाकर्ताओं के लाखों रुपए जमा है, कई एफडी भी हैं। कृष्ण दास गुप्ता पिता श्यामलाल गुप्ता के 3 लाख 13 हजार रुपए नकद जमा हैं और 78 हजार रुपए की एफडी है। रहसकली गुप्ता पति महेश गुप्ता के 8 लाख रुपए नगद जमा हैं जबकि 4 लाख रुपए की एफडी है जो 2023 में पूरी हो चुकी है। ऐसे ही जमाकर्ता संकर्षण प्रसाद गौतम की 1 लाख 16 हजार की एफडी 2023 में पूरी हो चुकी पर उन्हें एक रुपए भी नहीं मिल पा रहा है। रामपति प्रजापति पिता वंसघारी प्रजापति के 2 लाख रुपए, कपूर चंद्रगुप्त पिता श्यामलाल गुप्ता नकद जमा 3 लाख रुपए, एक लाख 10 हजार रुपए की एफडी
नीरज कुशवाहा प्रताप राजभान कुशवाहा की 50 हजार की एफडी, रामस्वरूप पिता दयाशंकर 57 हजार रुपए की एफडी पूरी हो चुकी है पर पैसा नहीं मिल रहा।