GIS में जीआइ टैग उत्पादों की लगेगी प्रदर्शनी, मिलेगा वैश्विक ब्रांडिंग का मौका
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में जियोग्राफिक इंडिकेशन (जीआइ टैग) वाले उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें जीआइ टैग वाले उत्पाद जैसे बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट, कार्पेट, पंज दरी, चंदेरी हैडलूम उत्पाद, लकड़ी के खिलौनों आदि की वैश्विक ब्रांडिंग का मौका मिलेगा। देशी-विदेशी मेहमान उत्पादों की खासियत, बनाने की विधि आदि जान सकेंगे और इन्हें खरीद भी सकेंगे।
Global Investors Summit 2025 : भोपाल में होने वोले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में जियोग्राफिक इंडिकेशन (जीआइ टैग) वाले उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें जीआइ टैग वाले उत्पाद जैसे बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट, कार्पेट, पंज दरी, चंदेरी हैडलूम उत्पाद, लकड़ी के खिलौनों आदि की वैश्विक ब्रांडिंग का मौका मिलेगा। देशी-विदेशी मेहमान उत्पादों की खासियत, बनाने की विधि आदि जान सकेंगे और इन्हें खरीद भी सकेंगे।
एमपीआइडीसी ने उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए अलग व्यवस्था की है। स्थान नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है। इसमें शामिल होने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे सही तरीके से ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर सकें। इस दौरान ऑर्डर भी मिल सकते हैं। निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगी। ज्ञात रहे कि जीआइ टैग(GI Tag) उत्पादों की गुणवत्ता, विशिष्टता को एक लेवल प्रदान करता है। एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र या स्थान से उत्पन्न या निर्मित होने कारण वे विशिष्ट उत्पाद होते हैं।
GI tagged products exhibition in Global Investors Summitसीधी जिले की कालीन पारंपरिक रूप से ऊन से बनाया जाता था, लेकिन अब कॉटन, नायलोन या पॉलिएस्टर का प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। सीधी जिला पारंपरिक पंज दरी और कालीन बुनकरों का घर है। पिछले 50 साल से यहां कालीन और दरी के बहुत सुंदर डिजाइन, जीवंत रंगों के साथ बनाए जा रहे हैं। भारत से कालीन का 15 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात हुआ है। इसमें मप्र की भागीदारी बढ़ाने के भी प्रयास चल रहे हैं।
GI tagged products exhibition in Global Investors Summitअशोकनगर जिले की चंदेरी की साड़ियां बहुत मशहूर हैं। इन साड़ियों की डिजाइन नरम सूती और रेशमी धागों के संयोजन से बनाई जाती है। इसके साथ एक सुनहरी और सिल्वर रंग की बॉर्डर भी रहती है। यह फेब्रिक पहनने में बहुत हल्का रहता है। अपनी विशिष्ट विशेषताओं के कारण चंदेरी साड़ी को 2005 में जीआइ टैग मिला था। अशोकनगर जिले ने चंदेरी हैंडलूम को अपने ओडीओपी उत्पाद के रूप में अपनाया है। अब इसका निर्यात करने के प्रयास चल रहे हैं।
जीआइ टैग वाले यह उत्पाद होंगे प्रदर्शनी में शामिल
लकड़ी के खिलौने सीहोर जिले के लकड़ी के खिलौने प्राकृतिक लकड़ी से बने पर्यावरण के अनुकूल खिलौने हैं। वे ज्यादा टिकाऊ और बच्चों को नुकसान न पहुंचाने वाले हैं। सीहोर जिले में कई पीढ़ियों से कारीगर इन खिलौनों को बना रहे हैं। बुधनी शहर ने इस कला में खास स्थान हासिल किया है। इसके बाद इस कला को 2023 में जीआइ टैग मिला। यह सीहोर जिले का ओडओपी उत्पाद भी है। अब इसकी ब्रांडिंग कर देश और विदेश में इनकी बिक्री बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बाग प्रिंट, धार
GI tagged products exhibition in Global Investors Summit बाग प्रिंट पारंपरिक भारतीय हस्तशिल्प है जो मप्र के धार जिले के बाग से विकसित हुआ। पेड़- पौधों, बीज, फूलों आदि से बनाए गए रंगों को लकड़ी के बने ब्लॉक पर लगाकर यह प्रिंट किया जाता है। बाग प्रिंट रूपांकनों में आमतौर पर ज्यामितीय फूलों की रचनाएं होती हैं। आमतौर पर लाल और काले रंग के ब्लॉक से यह प्रिंट किया जाता है। पहले यह केवल कॉटन पर होता था आजकल रेशमी कपड़ों और मिक्स कपड़ों पर भी यह प्रिंट किया जा रहा है। इसका अभी ज्यादा निर्यात नहीं हो पाया है।
बाटिक प्रिंट
उज्जैन के बाटिक प्रिंट के लिए रंगाई के दौरान पिघली मोम से कपड़ों पर लाइनें और डॉट्स बनाए जाते हैं, ताकि कपड़े पर रंग नहीं फैले। बाटिक प्रिंट के लिए सबसे कपड़े को पहले अच्छे से धोया जाता है। फिर उसे मलेट से पीटा जाता है। इसके बाद पिघले मोम से पैटर्न तैयार किया जाता है और फिर कपड़ों को आकर्षक रंगों में रंगा जाता है। इसके बाद गर्म पानी से जमे मोम को हटा दिया जाता है। उज्जैन में बाटिक प्रिंट कलाकारों की बड़ी संया है। इस कला को वर्ष 2023 में जीआइ टैग मिला है।
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