scriptबिजनेस वुमन के लिए खुशखबरी, ये ड्रीम प्रोजेक्ट ला सकती है मोहन सरकार | good news for business women mp government bring dream project MP women association of women entrepreneurs chairperson interview | Patrika News
भोपाल

बिजनेस वुमन के लिए खुशखबरी, ये ड्रीम प्रोजेक्ट ला सकती है मोहन सरकार

मध्यप्रदेश वुमन एसोसिएशन ऑफ वुमन एंटरप्रेन्योर की चेयरपर्सन अर्चना भटनागर से पत्रिका के साथ खास बातचीत, महिला उद्यमियों की समस्या पर की बात, बताया ड्रीम प्रोजेक्ट भी….

भोपालDec 07, 2024 / 10:33 am

Sanjana Kumar

Exclusive Interview of Archan Bhattnagar: मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए प्रयासरत है। केंद्र सरकार भी उद्यमियों खासकर महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। लेकिन, कुछ अड़चनों और प्रगतिवादी सोच न होने की वजह से योजनाएं और महिला उद्यमियों के सपने परवान नहीं चढ़ पाते।
साथ ही महिला उद्यमियों को अपनी पहचान बनाने में भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। मध्यप्रदेश वुमन एसोसिएशन ऑफ वुमन एंटरप्रेन्योर यानी मावे की चेयरपर्सन अर्चना भटनागर से पत्रिका से खास बातचीत में महिला उद्यमियों की समस्याएं बताईं। पेश है संपादित अंश-
Q. महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जाने जरूरी हैं?

-महिला उद्यम को आगे बढ़ाना है, तो इसके लिए जरूरी है कि उनके लिए एक मल्टी स्टोरी फैक्ट्री कॉ्पलेक्स बनाया जाए। यह कॉ्पलेक्स शहरी क्षेत्र में हो, ताकि महिला उद्यमियों को उद्यम के लिए कहीं दूर न जाना पड़े। इसमें सभी सुविधाएं यानी कच्चे माल से लेकर बिजनेस शुरू करने तक की सुविधाएं हो। यह कॉ्पलेक्स महिला बाजार से अलग स्वरूप में होना चाहिए।
Q. भोपाल में क्या ऐसे किसी कॉम्प्लेक्स पर कोई काम हो रहा है?

-इसकी मांग हमने सरकार से की है। जबलपुर में इस संबंध में प्रोजेक्ट फाइल जमा है। इंतजार है इसके धरातल पर उतरने का। यह मावे का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सरकार की भी मंशा है। लेकिन, फाइल जब तक आखिरी साइन के लिए पहुंचती है, तब तक कुछ न कुछ बाधा आ जाती है। हमारी मांग है कि इसके लिए जमीन अलॉट हो ताकि महिला उद्यमियों को बिजनेस करना आसान हो।
Q. अभी महिलाएं कैसे काम कर रही हैं। उन्हें क्या समस्या आ रही है?

-ज्यादातर महिला उद्यमी अभी अपने घर से काम कर रही हैं। लेकिन बिजनेस घर से नहीं होता। दूसरे उनका कार्य अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में है। जरूरत है कि इन्हें ऑर्गनाइज्ड किया जाए। एक इंफ्रास्ट्र्रक्चर हो तो सहूलियत होगी। साथ ही सरकार महिला उद्यमियों से खरीदी की नीति बनाए। हालांकि, बड़े प्रयासों के बाद 3 फीसदी सामान महिला उद्यमियों से खरीदने का नियम बना है। इसे बढ़ाने की जरूरत है।
Q. महिला उद्यमियों के प्रति समाज और सरकार की सोच कैसे है?

दुर्भाग्य से हमारे यहां महिला उद्यमियों को सीरियसली नहीं लिया जाता। उन्हें घर-परिवार, समाज और सरकार से भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता। हमारी कोशिश है कि यह सोच जल्द बदले। तभी समानता का अधिकार पूरा होगा।

Hindi News / Bhopal / बिजनेस वुमन के लिए खुशखबरी, ये ड्रीम प्रोजेक्ट ला सकती है मोहन सरकार

ट्रेंडिंग वीडियो