पोर्टल बनाया, प्रशिक्षण भी पूरा
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एमपीएसईडीसी ने अनुकंपा नियुक्ति संबंधी ऑनलाइन पोर्टल बना दिया है। सभी अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव, सचिव, उप सचिव और विभाग प्रमुखों को इसकी सूचना भी दी है। यही नहीं, इस पोर्टल को उपयोग करने संबंधी प्रशिक्षण भी दे दिया है। फिलहाल यह प्रशिक्षण विभाग प्रमुखों को दिया है।
स्थाई व आउटसोर्स कर्मियों को भी मिले अनुकंपा नियुक्ति
प्रदेश के अंदर बड़ी संख्या में स्थाई व आउटसोर्स कर्मी कार्यरत हैं। अस्थाई कर्मी पूर्व में दैनिक वेतन भोगी कहलाते थे। ये 40 से 50 वर्षों से कार्यरत है। निर्माण विभागों में कार्यरत जो कर्मचारी कोर्ट की शरण में गए थे उन्हें तो नियमित मान लिया, अनुकंपा नियुक्ति भी दे रहे लेकिन बाकी के विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मियों की सुनवाई नहीं हो रही। स्वास्थ्य जैसे विभागों व बिजुली कंपनियों में लगभग पूरा नही ही आउटसोर्स के भरोसे है लेकि लेकिन इन्हें भी नियमित की तरह से सुविधा व अनुकंपा नियुक्ति जैसे लाभ नहीं दिए जा रहे। मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अत सुधीर नायक का कहना है कि जो सरकार के लिए जनता के काम कर रहे हैं, कम से कम उनके लिए अनुकंपा नियुक्ति जैसे लाभ मिलने ही चाहिए। जिससे उनके परिवार को भी सुरक्षा मिल सके। यह भी पढ़े –
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सामान्य प्रशासन विभाग का कहना है कि उक्त पोर्टल पर अभी कुछ काम बाकी है, जो अगले सप्ताह तक पूरे कर लिए जाएंगे। फिर इसे ऑनलाइन सर्विस से जोड़ दिया जाएगा, जो आम लोगों को दिखाई देने लगेगा। जिसके बाद उस पर ऑनलाइन आवेदन अपलोड किए जा सकेंगे। ये आवेदन संबंधित विभाग के अनुकंपा शाखा प्रभारी के पास जाएंगे, जो आवेदन व उसमें शामिल दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच करेंगे और सही पाए जाने पर विभाग प्रमुख की ओर बढ़ाएंगे।
विभागों तक आवेदन पहुंचे, सुनवाई नहीं हुई
अनुकंपा से जुड़े आवेदनों की सुनवाई नहीं होना एक बड़ी समस्या रही है। कर्मचारी कल्याण आयोग के पूर्व सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि ऐसे 5 से 10 हजार आवेदन हैं, जो बीते 20 सालों में आए। इन पर कार्रवाई का आवेदकों को पता ही नहीं चला। इस नई व्यवस्था से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं मप लघु वेतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा का कहना है कि जितनी जल्दी हो, पोर्टल शुरू होना चाहिए, ताकि बहुत कुछ खामियां नए सिरे से सामने आ सकें।