केस 1
सात साल शादी और दो बच्चियों के होने के बाद भी पति हमेशा मानसिक और शारीरिक तौर पर मुझे परेशान करता था। उसके कई अवैध संबंध भी थे। फिर भी मुझे मारता था और मेरे मोटापे की वजह से प्रताड़ित करता था। आर्थिक रूप से स्वतंत्र न होने और दो बच्चों की वजह से कभी अलग नहीं हो पाई। ऐसा कहना है बागसेवनिया से आई शिकायतकर्ता का।
केस 2
कुटुंब न्यायालय में आई महिला अपने पति के अवैध संबंध और ससुराल में दहेज की मांग से परेशान हो कर तलाक लेने आई थी। महिला ने काउंसलर से अपनी आप बीती का जिक्र किया। पति उससे काम का बोल कर दिल्ली जाया करता था। बाद में पता चला कि वह दूसरी महिला के साथ रहता था। ससुराल में महिला को हमेशा प्रताड़ित किया जाता था।
जागरुकता की कमी
महिला आयोग के अनुभाग अधिकारी का कहना है कि अभी भी कई महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हैं। जिसकी वजह से उन्हें ङ्क्षहसा और बेईमानी को बर्दाश्त करना पड़ता है। घरेलू ङ्क्षहसा के प्रति जागरुकता और शिक्षा की कमी की वजह से भी इस प्रकार के मामलों में वृद्धि हो रही है। महिलाओं को सही समय में आवाज उठानी चाहिए । महिलाओं के साथ हिंसा के मामले पहले झुग्गी-झोपडिय़ों से ज्यादा आया करते थे, लेकिन अब मिडिल क्लास में इसके मामले अधिक हो गए हैं।
सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा के मामले
महिला आयोग में हर रोज सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा से जुडे मामले आते हैं। इस प्रकार के मामले पहले झुग्गी-झोपडिय़ों से ज्यादा आया करते थे। मगर अब मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास में इस प्रकार में मामले ज्यादा देखी जा रही हैं। महिलाएं अक्सर आवाज उठाने में देरी कर देती हैं।