दरअसल, मध्यप्रदेश शासन द्वारा 2016 से पदोन्नति पर रोक लगा दी है। एक लाख के लगभग कर्मचारी-अधिकारी रिटायर हो गए हैं। इस पूरे मामले पर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है कि उच्चतम न्यायालय में पदोन्नतियों को लेकर प्रकरण दायर होने के बावजूद जिस प्रकार मध्य प्रदेश शासन विधि और विधायी कार्य विभाग में तृतीय श्रेणी के 48 एवं चतुर्थ श्रेणी के 30 कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान कर दी गईं इसी प्रकार मध्य प्रदेश शासन के समस्त विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए।
आगे उन्होंने कहा कि इससे पहले पशुपालन विभाग में पदोन्नति दी गई है। प्रदेश सरकार से मांग है कि कर्मचारियों की 8 साल से रूकी पदोन्नतियों को फिर से शुरु किया जाए।