साल 2006 से चल रही भोपाल-इंदौर को महानगर बनाने की कवायद
भोपाल-इंदौर को महानगर बनाने की कवायद कोई नई नहीं है। इसकी प्लानिंग साल 2006 से चल रही है, लेकिन धरातल पर कभी इस पर काम ही नहीं हो पाया। सिंहस्थ 2028 को देखते हुए काम तेजी से किया जा रहा है। अफसरों की ओर से दावा किया गया है कि दोनों शहरों को महानगर बनाने का प्लान 9 महीने में तैयार कर लिया जाएगा।
क्यों इंदौर में तेजी से हो रहा काम
इंदौर को महानगर बनाए जाने का काम इसलिए तेजी से हो रहा है क्योंकि सिंहस्थ 2028 में है और इंदौर में जो इलाके तय हुए हैं। उसमें दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर को जोड़ दिया गया है। ताकि नए उद्योग और व्यापार को तेजी से गति मिल सके। इसके चलते देवास, उज्जैन, पीथमपुर और बदनावर जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। सिंहस्थ 2028 के पहले इंदौर, देवास और उज्जैन के बीच सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। ताकि इन रास्तों से जाने वाले श्रद्धालुओं को आसानी हो सके।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मुख्यमंत्री कर चुके हैं महानगर का जिक्र
सीएम डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में कहा कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी के तहत इंदौर, देवास, धार, पीथमपुर, उज्जैन सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों को मिलाकर एक सुव्यवस्थित और आधुनिक शहर विकसित किया जाएगा। जहां सड़क, परिवहन और अन्य बुनियादी सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया जाएगा। इसी तरह भोपाल मेट्रोपॉलिटन सिटी में भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा और सीहोर के साथ नर्मदापुरम के कुछ क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जिससे यह एक सुसंगठित और विकसित शहरी क्षेत्र बन सके।
महानगर बनाने के लिए क्या-क्या हुए काम
इंदौ महानगर में संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई है। जिसमें इंदौर के लिए 7,863 वर्ग किमी का एरिया तय है। इसमें 19 निकय शामिल होंगी। इसके लिए 20 विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है कि अगले 20-25 साल में कैसे डेवलपमेंट का काम किया जाएगा। इंदौर में कंसल्टेंट की नियुक्ति की जा चुकी है।
महानगर में इंदौर के ये जिले होंगे शामिल
इंदौर को महानगर बनाने के लिए 4 जिलों में शामिल किया गया है। जिसमें खुद इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले होंगे।
भोपाल सहित 4 जिले महानगर में होंगे शामिल
भोपाल, सीहोर, राजगढ़, विदिशा को मिलाकर महानगर बनाने की तैयारी है। जिससे इन जिलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार आएगा और कनेक्टिविटी बेहतर होगी।