डेवलपमेंट के चलते यहां पर संचालित पायलट ट्रेनिंग सेंटर भी करीब 40 दिन तक बंद रहा, लेकिन अब वापस फ्लाइंग शुरू हो गई है। इसके बाद यह कहा जा रहा है कि यदि कोशिश की जाए तो ढाना एयरस्ट्रिप से भी खजुराहो, रीवा, सिंगरौली की तरह 12 सीटर छोटे विमानों की उड़ान शुरू कराई जा सकती है। चूंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कुछ समय पहले ढाना हवाई पट्टी से उड़ान योजना के तहत छोटे विमानों को शुरू करने की बात कही थी, इसलिए उम्मीद ज्यादा है।
चल रहा बाउंड्रीवॉल का काम
हवाई पट्टी को सुरक्षित करने के लिए चारों ओर बाउंड्रीवॉल बनाने का काम भी चल रहा है। पहले बाउंड्री की लंबाई 2.8 किमी थी, जिसे बढ़ाकर अब 3.3 किमी कर दिया गया है। इसकी ऊंचाई 2.4 मीटर यानी करीब 8 फीट होगी, जिसमें दीवार के साथ सुरक्षा के लिहाज से ऊपर तार फेंसिंग भी की जाएगी। ये भी पढ़ें: एमपी में बनेगा 1200 किमी का नर्मदा एक्सप्रेस-वे, इन 11 जिलों से गुजरेगी सड़क रनवे की लंबाई बढ़ाकर एयरपोर्ट का भी प्लान
सितंबर में सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में विमानन विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ल ने ढाना एयरस्ट्रिप को एयरपोर्ट के रूप में डेवलप करने की बात कही थी। उनका कहना था कि इसको लेकर प्रस्ताव मिला है, मंजूरी के बाद एयरपोर्ट निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। जानकारी के अनुसार वर्तमान में रनवे की लंबाई 969 मीटर है, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 1.75 किमी से 2 किमी तक किया जा सकता है। क्योंकि एयरपोर्ट के लिए कम से कम 1.5 किलोमीटर लंबे रनवे की जरूरत होती है।
हवाई पट्टी के उन्नयन का काम चल रहा है, जिसमें रनवे के चौंड़ीकरण का काम हो चुका है। भोपाल से आई टीम ने रनवे की लंबाई बढ़ाने भी बोला था। फिलहाल 1250 मीटर तक का रनवे तैयार करने लायक शासकीय भूमि उपलब्ध है। संभवत: भविष्य में लंबाई भी बढ़ाई जाएगी। -साहित्य तिवारी, एसडीओ, पीडब्ल्यूडी